नीतीश कुमार पलटी मारने को लेकर बदनाम हो चुके हैं। बिहार में वह बीजेपी और राजद-कांग्रेस दोनों गुटों के साथ सरकार चला चुके हैं। गुरुवार को जब न्यूज एजेंसी PTI ने नीतीश कुमार की पार्टी के नेता केसी त्यागी से सवाल किया तो उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार थोड़े ज्यादा बदनाम हो गए लेकिन कोई पार्टी ऐसी नहीं है, जिसने अपने धुर-विरोधियों से हाथ न मिलाया हो।”
उन्होंने आगे कहा, ” कांग्रेस पार्टी का केस ले लीजिए। आपातकाल में डीएमके की सरकार गिराने का काम इंदिरा जी ने किया। मैं तो आपातकाल में जेल में रहा हूं। देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे, उनके बाद बने गुजराल साहब… जैन कमिशन की सिफारिश आई कि राजीव गांधी के मरने में डीएमके के कुछ नेताओं की भी भूमिका है और उनके मंत्री मंत्रिमंडल से निकाले जाएं, ऐसा कहकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार को गिराया था। वो डीएमके उनके साथ है।”
केसी त्यागी ने मुलायम सिंह यादव और लालू यादव की बात करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव ने मिसेज गांधी को 1999 में प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया था, उस रात वो जाकर जॉर्ज फर्नांडिस के घर में सो गए थे और सुरजीत साहब पूरी रात खोजते रहे कि कहां चला गया मुलायम सिंह, वो पूरी रात सोए नहीं। उनकी सरकार नहीं बनी। मुलायम सिंह की पार्टी भी आज वहां पर है। उन्होंने कहा, “लालू जी की बेटी पैदा हुई थी आपातकाल में उनका नाम है मीसा, इतनी घृणा थी कांग्रेस पार्टी के लिए, वो भी उनके साथ हैं।”
बीजेपी को भी लपेटा
इसके बाद बीजेपी पर बात करते हुए केसी त्यागी ने कहा, “जहां कुर्बान हुए मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, इस नारे के साथ उन्होंने जनसंघ शुरू की थी, उनके रिश्ते शेख अब्दुल्ला के पोते और बेटे दोनों से रहे, दोनों मंत्रिमंडल में रहे। मुफ्ती साहब की पार्टी का जो संविधान है, वो कहता है कि करेंसी भी यहां पर इंडिया की नहीं चलेगी, उसके साथ भी बीजेपी का रिश्ता नाता रहा।”
‘हम हवा में नहीं जी रहे’, केसी त्यागी बोले- हम नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट नहीं कहते
उन्होंने कहा, “और भी कई उदाहरण हैं। ये जो दौर है, उसमें तालमेल का दौर बहुत ज्यादा पड़ गया। बसपा का और बीजेपी का गठबंधन रहा। ममता बनर्जी और बीजेपी का गठबंधन रहा। डीएमके का भी रहा है, अन्नाद्रमुक का भी रहा है। ये लचीला दौर है। अपनी-अपनी सुविधा से सभी तालमेल करते हैं, हो सकता है कि हमारी एक-दो तालमेल आपको ज्यादा लगती हों।”