एनआईटी श्रीनगर में बाहरी छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के लिए पीडीपी-भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था ने इसे केंद्र के लिए ‘‘’ घटना बताया है और घाटी में छात्रों की सुरक्षा पर प्रधानमंत्री से आश्वासन मांगा है।‘ऑल पार्टी माइग्रेंट्स को ऑर्डिनेशन कमिटी’ (एपएमसीसी) के अध्यक्ष विनोद पंडित ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एनआईटी के गैर कश्मीरी छात्रों के समर्थन और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए संस्था श्रीनगर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगी।

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विनोद पंडित ने कहा, ‘‘एनआईटी श्रीनगर परिसर में पुलिस के बर्बर बलप्रयोग के बाद वहां पढ़ रहे गैर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर हमलोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल की मांग करते हुए इस संबंध में उनसे जवाब चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में छात्रों के लिए रक्षक ही भक्षक बन गए हैं, लिहाजा प्रधानमंत्री को देश और छात्रों के माता पिता को उनकी सुरक्षा के बारे में आश्वस्त करने की जरूरत है। पुलिस के बल प्रयोग के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह पर हमला बोला।

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इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को इस बारे में भी स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।’’ पंडित ने कहा, ‘‘क्या जम्मू कश्मीर में राष्ट्रध्वज लहराना अपराध है कि जिसके लिए पुलिस को लाठीचार्ज की सजा देनी पड़ी? भाजपा और मोदी सरकार को इस बारे में स्पष्ट करना और अपने रूख के बारे में स्पष्टीकरण देनी चाहिए।’’

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बता दें कि वर्ल्‍ड टी20 में वेस्‍ट इंडीज के हाथों भारत की हार के बाद एनआईटी में पढ़ रहे स्‍थानीय और बाहरी छात्रों में झगड़ा हो गया था। स्‍थानीय छात्रों ने भारत की हार पर जश्‍न मनाया था। इस पर अन्‍य राज्‍यों के छात्रों ने विरोध जताया था। इसके बाद से कैंपस में तनाव है। बाद में मंगलवार को पुलिस ने अन्‍य राज्‍यों के छात्रों की पिटाई की थी। कैंपस में सीआरपीएफ की दो कंपनियां भी तैनात की गई है।