आर्टिकल 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालातों में लगातार सुधार आ रहा है। हाल ही में कई संगठनों ने खुद को हुर्रियत से अलग करने का फैसला किया है। गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर दौर से भी एक अच्छी खबर आई है। कश्मीर के तीन और संगठनों – ‘जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी’, ‘जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग’ और ‘कश्मीर फ्रीडम फ्रंट’ भी खुद को अलगाववादी समूह ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से खुद को अलग कर लिया है। इस तरह से जम्मू-कश्मीर में अब तक 11 संगठन अलगाववाद से किनारा कर चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर से आई इस गुड न्यूज पर शिया धर्म गुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि हम बार-बार कह चुके हैं कश्मीर हमारे दिल का टुकड़ा है। हम हिंदुस्तानी हैं, हिंदुस्तान के रहने वाले हैं, हिंदुस्तान के वफादार हैं, हिंदुस्तान हमारा वतन है, हिंदुस्तान हमारा देश है, लिहाजा हम कश्मीर को अपने दिल का टुकड़ा मानते हैं।

उन्होंने आगे कहा, “कोई नहीं चाहेगा कि अपने दिल का टुकड़ा किसी दूसरे मुल्क में चला जाए। हम चाहते हैं कि कश्मीर हिंदुस्तान का ही पार्ट रहे, हिंदुस्तान का ही दिल रहे। जो लोग इसको अलग करना चाहते हैं या पाकिस्तान का पार्ट बनाना चाहते हैं, वो गलत हैं बिलकुल। हमेशा हमने सपोर्ट किया है कि कश्मीर हिंदुस्तान में ही रहना चाहिए, हिंदुस्तान का ही पार्ट है… हम चाहते हैं कि पाकिस्तान भी दोबारा शामिल हो जाए, वो भी हमारा पार्ट है, हमारे जिस्म का टुकड़ा अलग हो गया है… इंशाअल्लाह कश्मीर हमारे दिल का टुकड़ा है, दिल के टुकड़े को कोई अपने से अलग नहीं करना चाहता है।”

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कश्मीर दौरे पर गए अमित शाह ने क्या कहा?

अमित शाह ने X पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग तथा कश्मीर फ्रीडम फ्रंट नामक तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों के भारत के संविधान में भरोसे को दर्शाता है।” गृह मंत्री ने कहा कि एकजुट एवं शक्तिशाली भारत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण आज और भी सुदृढ़ हुआ है तथा अब तक 11 संगठनों ने अलगाववाद को त्यागकर इस दृष्टिकोण के प्रति अटूट समर्थन दर्शाया है।

आपको बता दें कि पिछले महीने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कई घटकों ने अलगाववादी समूह से अलग होने की घोषणा की थी। हुर्रियत से अलग होने की घोषणा करने वाले समूहों में शाहिद सलीम के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, वकील शफी रेशी के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट और मोहम्मद शरीफ सरताज के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट जैसे समूह शामिल हैं। 

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