Kartar Tanwar Loses Delhi Assembly Membership: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दलबदल विरोधी कानून के तहत छतरपुर के विधायक करतार सिंह तंवर की सदस्यता समाप्त कर दी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

2020 के विधानसभा चुनाव में छतरपुर निर्वाचन क्षेत्र से आप के टिकट पर चुने गए तंवर ने पार्टी छोड़ दी। साथ ही इस साल जुलाई में एक अन्य विधायक राज कुमार आनंद के साथ भाजपा में शामिल हो गए।

पटेल नगर आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आनंद ने अप्रैल में केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी भी छोड़ दी थी। इससे पहले स्पीकर ने उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया था।

दिल्ली विधानसभा सचिवालय द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि तंवर को अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है। 10 जुलाई 2024 से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

10 जुलाई को BJP में हुए थे शामिल

10 जुलाई को दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के साथ तंवर ने बीजेपी का दामन थामा था। राजकुमार आनंद को पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जब वे बीजेपी में शामिल हुए थे तब दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में बंद थे।

नियम के मुताबिक, विधानसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद छतरपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है। छह महीने में किसी खाली सीट पर चुनाव करना जरूरी है, लेकिन छह महीने के भीतर ही दिल्ली विधानसभा चुनाव हो जाएंगे। ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।

इनकम टैक्स का छापा पड़ने का बाद आए थे सुर्खियों में

करतार सिंह कंवर तब सुर्खियों में आए थे जब जुलाई 2016 में इनकम टैक्स का उन पर छापा पड़ा था। उनके फार्म हाउस और ऑफिस पर 27 जुलाई को आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की थी।

2014 में आप में हुए थे शामिल

साल 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले तंवर ने जब पार्टी का साथ छोड़ा तो तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की हालत देखकर उन्हें दुख हो रहा है। उन्होंने आप पर भ्रष्टाचार में डूबने का आरोप लगाया। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने छतरपुर सीट से जीत हासिल की। आप में शामिल होने से पहले वो बीजेपी में ही थे। 2007 में वार्ड पार्षद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। सियासी सफर शुरू करने से पहले तंवर ने दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर थे।