सनथ प्रसाद

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ अपने पुराने ट्वीट्स के चलते विवादों में फंस गये है। बता दें कि 2014 और 2015 में ऑनलाइन पोर्न पर किये गये उनके कई ट्वीट अब वायरल हो रहे हैं। बुधवार को एक ट्विटर यूजर ने उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर किया। वहीं चक्रतीर्थ ने स्वीकार किया इस तरह के ट्वीट उनके ही अकाउंट से किये गये हैं।

उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि “यह जरूरी नहीं है कि आप अब भी वैसे ही हों जैसे एक दशक पहले थे। हम सभी अपने जीवन में परिवर्तनों से गुजरते हैं। चक्रतीर्थ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हम सभी उन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर उत्साहित थे और मैंने सिर्फ वन-लाइनर पोस्ट किया था, जो पहले से ही पब्लिक स्पेस पर मौजूद था।

बता दें कि रोहित चक्रतीर्थ इन दिनों कुछ अन्य मामलों को लेकर भी चर्चा में बने हुए हैं। कक्षा दस की कन्नड़ और सोशल साइंस की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर भी चक्रतीर्थ की काफी आलोचना हो रही है।

दरअसल कन्नड़ पाठ्यपुस्तक में आरएसएस के संस्थापक के बी हेडगेवार के भाषण को शामिल करने और राष्ट्रकवि कुवेम्पु द्वारा लिखे गए राष्ट्रगान से छेड़छाड़ कर फेसबुक पोस्ट के लिए भी उनकी आलोचना हो रही है। चक्रतीर्थ ने कहा कि मैंने खुद बच्चों को प्रभावित करने वाले पोर्न पर एक लेख लिखा है। जो यूजर्स इन ट्वीट्स पर सवाल कर रहे हैं उन्हें मेरे द्वारा लिखे गए शिक्षा पर अन्य लेखों को भी देखना चाहिए।

उन्होंने सवाल किया कि आखिर सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट को लेकर लोग इतने सलेक्टिव क्यों है? उन्होंने कहा कि पोर्न पर सोशल मीडिया पोस्ट और पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के बीच कोई संबंध नहीं है। लोग मुझे घेरने का जरिया ढूंढ रहे हैं और ऐसा पिछले 10 साल से हो रहा है। इसमें मुझे कोई आश्चर्य नहीं है।”

बता दें कि बुधवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बीटी नागन्ना ने भी 2017 में की गई एक फेसबुक पोस्ट में क्षेत्रीय गान भारत जननिया तनुजाते जया कर्नाटक माते और राष्ट्रकवि कुवेम्पु का अपमान करने के लिए कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में चक्रतीर्थ के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी।