Karnataka DK Shivakumar: कर्नाटक में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से कांग्रेस सरकार राज्य की छवि के साथ बेंगलुरु को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। पिछले साल बेंगलुरु को यातायात और बाढ़ जैसी समस्या से काफी प्रभावित होना पड़ा था।
सुझाव के लिए लांच की जाएगी वेबसाइट
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को बेंगलुरु की छवि को और अच्छा बनाने के लिए एक घोषणा की है। इस घोषणा के मुताबिक, लोगों से सार्वजनिक सुझाव एकत्र करने के लिए एक वेबसाइट जल्द ही लॉन्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्रांड बेंगलुरु की छवि को बढ़ाने के लिए एक मास्टर प्लान बनाने के लिए अधिकारियों, उद्योग के नेताओं और निर्णय लेने वालों की एक समिति बनाई जाएगी।
इसको लेकर डीके शिवकुमार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों, खेल हस्तियों, नागरिक विशेषज्ञों और कुछ उद्योग प्रमुखों सहित 42 लोगों के साथ तीन घंटे तक बंद कमरे में बैठक की थी। इसके बाद शिवकुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि एक बेहतर बेंगलुरु बनाने के लिए सार्वजनिक सुझाव मांगे जाएंगे।
बैठक में कई प्रमुख हस्तियां हुईं शामिल
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में किरण मजूमदार-शॉ, भाजपा सांसद डीवी सदानंद गौड़ा, वंडरला के प्रबंध निदेशक अरुण के चित्तिलप्पिल्ली, गीतांजलि किर्लोस्कर, प्रेस्टीज ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक इरफान रजाक और निखिल कामथ मौजूद रहे। एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान टाउन प्लानिंग में शामिल व्यक्तियों ने भी बैठक में भाग लिया।
इस मीटिंग के दौरान, यातायात में सुधार, कचरा प्रबंधन, जल निकासी और स्ट्रोम वॉटर सिस्टम, सीवेज रीसाइक्लिंग और पार्कों को बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर सुझाव मांगे गए। कुछ प्रस्तावों में शहर के भीतर पहुंच में सुधार के लिए एक मोनोरेल या मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की शुरूआत शामिल थी। इसके अतिरिक्त, ट्रैफिक भीड़ को कम करने के लिए कारपूलिंग, बेहतर पार्किंग सुविधाओं, रोजगार सृजन और शहर के बाहरी इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
शिवकुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शहर में 20 हाई डेनसिटी ट्रैफिक जोन हैं। जिनमें मैसूर रोड, के आर पुरम, हेब्बल, तुमकुरु रोड और एनआईसीई रोड पेरिफेरल रिंग रोड शामिल हैं, जहां यातायात सुधार के उपाय सुझाए गए थे। अधिकांश उपस्थित लोगों ने सड़क चौड़ीकरण और बेंगलुरु के लिए एक व्यापक विकास योजना तैयार करने का समर्थन किया।
उपनगरीय रेल नेटवर्क में देरी और विकास अधिकारों के हस्तांतरण (टीडीआर) से जुड़े मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई। उन्होंने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और भ्रष्टाचार का मुकाबला करने पर भी सहमति व्यक्त की। कुछ लोगों ने एक विशेष टास्क फोर्स की स्थापना का प्रस्ताव रखा।