कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों से करने पर भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। अब केंद्रीय नेतृत्व के बाद कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी राहुल पर हमला बोला है। येदियुरप्पा ने कहा है कि विपक्ष हमेशा सिर्फ आरएसएस-आरएसएस कहने में लगा रहता है। जितना वो इस बारे में बात करते हैं, उतना ही आरएसएस मजबूत होता है। कर्नाटक सीएम ने कहा कि वे आज जहां भी हैं, वह संघ की वजह से ही हैं।

क्या बोले थे राहुल गांधी?: बता दें कि राहुल गांधी ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुए एक संवाद के दौरान आरोप लगाए थे कि आरएसएस अपने द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के जरिए विश्व के बारे में एक विशेष विचार को आगे बढ़ाता है, जैसे पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामी मदरसा करते हैं।

कर्नाटक सीएम ने साधा निशाना: राहुल के इसी बयान को लेकर येदियुरप्पा ने उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पीएम भी गर्व से कहते हैं कि वे आरएसएस से हैं। वे (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री की दाढ़ी को लेकर भी बेमतलब बातें करते हैं, जबकि पूरा विश्व कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए उनकी तारीफ कर रहा है।

भाजपा भी दे चुकी है जवाब: गौरतलब है कि राहुल गांधी के संघ पर दिए बयान को लेकर भाजपा भी उन पर निशाना साध चुकी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आरएसएस देशभक्ति की दुनिया में सबसे बड़ी पाठशाला है। इसलिए दुनिया में उसका आदर है और भारत में इसकी भूमिका है। लोगों में अच्छा परिवर्तन लाना, लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करना, यही संघ करता है।’’

जावड़ेकर ने राहुल गांधी के उस बयान पर भी पलटवार किया था, जिसमें उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल को गलती करार दिया था। दरअसल, राहुल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया। इस पर जावड़ेकर ने कहा कि आपातकाल के दौरान सारे संस्थानों को बंद कर दिया। सारे संगठनों की आजादी खत्म कर दी। सभी पार्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सारे सांसदों और विधायकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लाखों लोगों को बंदी बनाया गया। साथ ही साथ अखबारों की आजादी खत्म कर दी। ऐसे में संस्थागत ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया, ये कहना हास्यास्पद है।