Kapil Sibal: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार मंत्रियों को हटाने संबंधी तीन विधेयक पेश किए जाने पर बड़ा बयान दिया है। सिब्बल ने कहा कि लोकतंत्र को बर्बाद करना इनका मकसद है।
सुप्रीम के वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि इस बिल के लागू होने से मानक अधिकारों को वो छीनना चाहते हैं। लोकतंत्र को बर्बाद करना इनका मकसद है। बिहार में इन्होंने किस तरह से SIR लागू किया और किस तरह से वोटर लिस्ट बन रही है..इससे वोटर लिस्ट को दीमक लग जाएगा। तो चुनाव होगा कैसे?
कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर इनकी मंशा क्या है? आपको पता है कि अगर किसी पर FIR होती है तो उसे सीधे गिरफ्तार कर लिया जाता है और ये जो नया कानून है अगर किसी को हिरासत में ले लिया जाए तो सालों लग जाते हैं बेल लेने में।
सिब्बल ने आप नेताओं झारखंड के सीएम का जिक्र करते हुए कहा कि केजरीवाल जी, मनीष सिसोदिया, हेमंत सोरेन ये सब उदाहरण हैं। तो मैं गृह मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि आपके कोई केंद्र के मंत्री के खिलाफ कभी कोई FIR हुई? और जिस प्रदेश में आप सरकारें चला रहे हैं वहां पर किसी मंत्री के खिलाफ FIR हुई ?….आप ये न समझना कि जनता समझती नहीं है।
बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। जिसको लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बाद इस विधेयक को एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान है।
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 क्या है?
विधेयक में कहा गया है कि कोई भी मंत्री जो किसी गंभीर अपराध के लिए 30 दिनों तक जेल में रहा है, उसे अपना पद खोना होगा। विधेयक के अनुसार, “किसी मंत्री को जो तीन दिनों तक जेल में रहा हो और ऐसे आरोप में गिरफ्तार हुआ हो जिसकी सजा पांच साल या उससे अधिक है, उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। संबंधित मंत्री को 31वें दिन तक मुख्यमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा पद से हटा दिया जाएगा। यदि ऐसे मंत्री को हटाने के लिए मुख्यमंत्री की सलाह 31वें दिन तक राष्ट्रपति को नहीं दी जाती है, तो वह उसके बाद आने वाले दिन से मंत्री नहीं रहेगा।