Kapil Mishra Delhi Riots 2020: दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने एक बड़ा बयान दिया है। दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के नेता और कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका का विरोध किया है। पुलिस ने अदालत के सामने लिखित दलील दी है कि कपिल मिश्रा को फंसाया जा रहा है जबकि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। बताना होगा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी।
दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कपिल मिश्रा पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे थे। कपिल मिश्रा दिल्ली की बीजेपी सरकार में कानून व अन्य मामलों के मंत्री हैं। वह दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष भी हैं।
वायरल हुआ था कपिल मिश्रा का वीडियो
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे होने से पहले कपिल मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए दिखाई दिए थे।
क्या है यह पूरा मामला?
इस मामले में यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा, दयालपुर थाने के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ), तीन भाजपा नेताओं – मुस्तफाबाद विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल सांसद सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR करने की मांग की गई थी।
इलियास ने अपने वकील महमूद प्राचा के जरिये आरोप लगाया था कि 23 फरवरी, 2020 को उन्होंने कपिल मिश्रा और उनके साथियों को कर्दमपुरी में सड़क को जाम करते और रेहड़ी-पटरी वालों के ठेलों में तोड़फोड़ करते देखा। याचिका में दावा किया गया था कि कपिल मिश्रा के साथ उस दौरान पुलिस के अफसर भी मौजूद थे।
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AAP से बीजेपी में आए कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा को दिल्ली में बीजेपी के हिंदुत्व के चेहरे के रूप में जाना जाता है। इस बार उन्होंने करावल नगर की विधानसभा सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। कपिल मिश्रा ने 2015 का विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीता था लेकिन 2017 में वह पार्टी से अलग हो गए थे। वह अरविंद केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
कपिल मिश्रा यूथ फॉर जस्टिस नाम के संगठन के फाउंडर भी हैं। इस बार जब बीजेपी ने उन्हें करावल नगर की सीट से उम्मीदवार बनाया तो इसे लेकर इस सीट से तत्कालीन विधायक मोहन सिंह बिष्ट काफी नाराज हो गए थे। मोहन सिंह बिष्ट को पार्टी ने करावल नगर के पड़ोस वाली सीट मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया जहां से चुनाव जीतने के बाद मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बनाया गया है।
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कपिल मिश्रा अपने विवादित बयानों के लिए पहचाने जाते हैं। दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनके एक बयान से विवाद खड़ा हो गया था, जब उन्होंने विधानसभा चुनाव को भारत बनाम पाकिस्तान का मुकाबला बताया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी और उन पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था।
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