दिल्ली पुलिस उन दो लोगों की तलाश में जुटी है जिन पर कंझावला हादसे के आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का संदेह है। पुलिस ने यह भी कहा कि इस मामले में 18 टीमें जांच कर रही हैं। जरूरत पड़ने पर पुलिस आरोपियों का नार्को परीक्षण भी करा सकती है। उधर, दिल्ली की एक अदालत ने पांचों आरोपियों को चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में गुरुवार को भेज दिया।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और काल डिटेल के आधार पर दो और लोगों की संलिप्तता सामने आई है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। इन दोनों लोगों की पहचान आशुतोष और अंकुश के तौर पर हुई है। वे आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि युवती और आरोपी एक-दूसरे को नहीं जानते थे।
उन्होंने बताया कि 18 दल हर पहलू से दिन रात जांच कर रहे है। हुड्डा ने दुर्घटना का सटीक समय रात 2:04 बजे से लेकर 2:06 बजे के बीच बताया और कहा कि पुलिस हर गवाह व पक्ष से गहनता से पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि वारदात की रात कार दीपक नहीं अमित चला रहा था। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था।
दोनों नए आरोपियों के नाम आशुतोष व अंकुश खन्ना हैं। आशुतोष वही है जिसकी कार आरोपी ले गए थे और अंकुश पहले से गिरफ्तार आरोपी अमित का भाई है। आशुतोष को पुलिस से गलत जानकारी साझा करने के लिए आरोपी बनाया है। उसी ने कहा था कि दीपक कार ले गया था और वही कार चला रहा था। वहीं अंकुश को पुलिस ने इसलिए आरोपी बनाया है क्योंकि उसने आरोपी भाई अमित से घटना के बारे में सब जानते हुए भी कार किसी और के चलाने वाली बात प्रसारित करने को कहा था। आरोपियों और अंजलि के बीच कोई संबंध नहीं था
हुड्डा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस नार्को परीक्षण भी करा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपियों और अंजलि के बीच कोई संबंध नहीं था। पुलिस जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपियों ने पकड़े जाने के समय जो बयान दिया था वह भी गलत है।
मोबाइल फोन अभी तक नहीं मिला
विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि अभी तक केवल अंजलि की स्कूटी पुलिस बरामद हुई है जबकि उसका मोबाइल फोन अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। अंजलि के निधि के साथ दोस्ती के मामले पर हुड्डा ने कहा कि 29 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर के बीच उनके बीच 25 से 30 बार बातचीत हुई है। दोस्ती थी या नहीं थी ये उनका निजी मामला है लेकिन सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
हुडा ने यह स्पष्ट किया कि जिस तरह से जांच आगे बढ़ रही है, ऐसे में अगर जरूरत पड़ती है तो पुलिस आरोपियों का सच से सामना कराने के परीक्षण की मांग कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस इस मामले में जल्द निपटारे के लिए त्वरित अदालत जाने की भी मांग करती है। पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करेगी।