जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को बुधवार (23 मार्च) को विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई। वे वहां छात्रों को संबोधित करने पहुंचे थे। इससे पहले कन्हैया केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि रोहित वेमुला के आत्महत्या मुद्दे और इसके बाद के घटनाक्रमों से लोगों का ध्यान हटाने के जेएनयू के मुद्दे को हवा दी गई। विमान से बुधवार (23 मार्च) को दोपहर यहां आने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार ‘रोहित कानून’ नहीं लाती है। उनके साथ में माकपा के स्थानीय नेता भी थे।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने रोहित वेमुला के मुद्दे को दबाने के लिए जेएनयू मुद्दे का इस्तेमाल किया। लेकिन हम सब जानते हैं कि अगर हम अलग भी हों तो जब देश में इंसाफ की बारी आती है तो हम एक हैं। यही कारण है कि जैसे ही मैं जेल से बाहर आया जेएनयूएसयू की ओर से मैंने सोचा कि हैदराबाद जाउंगा। दिल्ली के बाहर मेरी पहली यात्रा हैदराबाद की होगी।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में वेमुला की मां भगत सिंह की मां की तरह हैं। सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति के आमंत्रण पर कुमार को कैंपस में एक बैठक को संबोधित करना था।
वहीं दूसरी ओर हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) के 25 छात्रों और दो संकाय सदस्यों को कुलपति अप्पा राव पोडिले के आवास में तोड़फोड़ करने और पुलिसकर्मियों पर पथराव करने की घटनाओं के सिलसिले में बुधवार (23 मार्च) को गिरफ्तार कर लिया गया।
गचीबोअली पुलिस निरीक्षक जे रमेश के मुताबिक सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, अनाधिकार प्रवेश करने, सरकारी अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने और मंगलवार (22 मार्च) की घटना के सिलसिले में आईपीसी की अन्य संबद्ध धाराओं के तहत अब तक दो मामले दर्ज किए गए हैं।
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