उत्तरप्रदेश में चर्चा का विषय बने एसडीएम ज्योति मौर्या मामले में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। ज्योति मौर्य के बाद अब उनकी जेठानी ने भी अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यह FIR धूमनगंज थाने में दर्ज हुई है जिसमें दहेज उत्पीड़न को आधार बनाया गया है। ज्योति मौर्य की जेठानी शुभ्रा मौर्या ने एसडीएम ज्योति मौर्या पति आलोक मौर्या अपने पति विनोद कुमार, ससुर समेत ससुराल के 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
किन मामलों के तहत दर्ज हुई है नई FIR
ज्योति मौर्या की जेठानी शुभ्रा ने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न, प्रताड़ना का आरोप जैसे आरोप लगाए हैं। वह प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती हैं, इस मामले में विनोद मौर्य, ससुर राम मुरारी, सास लीलावती, जेठ अशोक मौर्य, जेठानी प्रियंका मौर्या, देवर आलोक मौर्या समेत एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इनके खिलाफ IPC की धारा 498A, 377, 354, 452, 323, 504, 506, 427 और दहेज अधिनियम 1961 की धारा तीन व चार के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है ज्योति मौर्य केस?
ज्योति मौर्य पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर गुस्से का शिकार हो रही हैं। ज्योति मौर्य एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) हैं, जिन्होंने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश में सिविल सेवक बनने के बाद अपने पति आलोक को छोड़ दिया। यह मामला तब सामने आया जब ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें वह रोते हुए और आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उनकी पत्नी, यानी ज्योति ने एसडीएम बनने के बाद उन्हें छोड़ दिया है, जिससे सोशल मीडिया पर “ज्योति मौर्य बेवफा है” ट्रेंड होने लगा। आलोक मौर्य उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं।
वीडियो में आलोक मौर्य ने कहा कि उनकी शादी ज्योति से साल 2010 में हुई थी. 2010 से 2016 तक आलोक ने ज्योति की पढ़ाई का खर्च उठाया. उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने कर्ज भी लिया ताकि ज्योति अपनी पढ़ाई जारी रख सके। 2016 में, ज्योति ने उत्तर प्रदेश प्रांतीय सिविल सेवा (यूपीपीसीएस) परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की और एक सिविल सेवक बन गईं।