दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस एस मुरलीधर को बॉयस बताने के मामले में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को अदालत ने बरी कर दिया है। उनके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का आरोप था। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस विकास महाजन की अदालत ने ये फैसला किया। जस्टिस एस मुरलीधर फिलहाल ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। विवेक ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करके आरोप लगाया था।

हालांकि इस मामले में अवमानना की कार्रवाई शुरू होने पर विवेद अग्निहोत्री ने हलफनामा भेजकर माफी मांग ली थी। लेकिन हाईकोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ। अदालत का कहना था कि क्या वो इतने बड़े हैं कि खुद पेश भी नहीं हो सकते। उसके बाद विवेक अग्निहोत्री व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में पेश होने आए। उन्होंने जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस विकास महाजन की बेंच के सामने कहा कि वो जूडिशरी का बेहद सम्मान करते हैं। जो कुछ हुआ उसके लिए वो खेद जताते हैं। उन्होंने अवमानना के केस से खुद को बरी करने की मांग की। बेंच ने कहा कि भविष्य में वो ध्यान रखें।

गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट से बरी करने पर विवेदक ने किया था ट्वीट

2018 में विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करके जस्टिस एस मुरलीधर को बॉयस बताया था। दरअसल भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी गौतम नवलखा को हाउस अरेसट से जस्टिस मुरलीधर ने बरी कर दिया था। विवेक अग्निहोत्री को उनका ये फैसला रास नहीं आया और वो ट्वीट कर बैठे। लेकिन हाईकोर्ट ने अपने जस्टिस केस खिलाफ ट्वीट को गंभीरता से लिया और विवेक अग्निहोत्री को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया। उनसे पूछा गया कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। विवेक को लगा कि वो फंस सकते हैं तो हलफनामा भेजकर माफी मांग ली।

विवेक अग्निहोत्री ने अपने हलफनामे में कहा कि उनके मन में न्यायपालिका के लिए बहुत ज्यादा सम्मान है। वो किसी भी तरह से उसकी मान मर्यादा को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे। उनकी कोशिश थी कि बगैर पेश हुए वो मामले से बाहर निकल जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए उनको व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश दिया। पिछले साल छह दिसंबर को विवेक को हाईकोर्ट ने पेशी के लिए समन भेजा था।

व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं हुए विवेक तो चढ़ गया था हाईकोर्ट का पारा

विवेक पेश नहीं हुए तो हाईकोर्ट ने बेहद तीखे लहजे में कहा कि क्या उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने में कोई दिक्कत है। उन्हें जो कहना है वो खुद आकर कोर्ट में कहे। माफी मांगनी है तो निजी तौर पर कोर्ट के सामने आकर अपनी भावनाओं से अवगत कराए। विवेक के वकील आनंद रंगनाथन ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि अगली सुनवाई यानि 24 मई को विवेक अग्निहोत्री खुद आकर कोर्ट से माफी मांगने जा रहे हैं।

फिल्ममेकर के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर एक्शन शुरू किया था। एक एडवोकेट राजशेखर राव ने दिल्ली हाईकोर्ट से शिकायत की थी कि विवेक ने न्यायपालिका पर सीधे हमला किया है। इस मामले में चेन्नई की पत्रिका तुगलक के संपादक स्वामीनाथ गुरुमूर्ति के खिलाफ भी अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई थी। हालांकि 2019 में स्वामीनाथन के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया था।