लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने आज राज्य भर में बंद का ऐलान किया है। जिसका असर पूरे महाराष्ट्र में देखा जा रहा है। लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में बुलाए गए बंद पर सवाल उठाते हुए जब एक पत्रकार ने ट्वीट किया कि कोरोना काल के बाद ये किसी अपराध से कम नहीं है तो लोगों ने भी उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप सिर्फ विपक्ष से सवाल क्यों पूछते हैं।

दरअसल टीवी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में बुलाए गए भारत बंद पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि कोरोना संकट के बाद जब देश की अर्थव्यवस्था ऊपर जाने की तरफ़ बढ़ रही है, ऐसे में महाराष्ट्र बंद किसी अपराध से कम नहीं है। लखीमपुर मामले में जांच चल रही है, मंत्री का बेटा जेल में है, सुप्रीम कोर्ट तक का दखल हो चुका है ऐसे में ये बंद किसी पार्टी या नेता के खिलाफ नहीं बल्कि देश के खिलाफ है। 

पत्रकार सुशांत सिन्हा के ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी। ट्विटर हैंडल @Abhinav20016745 ने लिखा कि जर्नलिस्ट बनिए, पहले हमेशा विपक्ष से सवाल पूछते हो। कभी पेट्रोल, डीजल, सिलेंडर के दाम और बेरोजगारी पर भाजपा से भी सवाल पूछ लिया करो। वहीं सरबजीत सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब भाजपा ने कई बार भारत बंद करवाया था, तब देश के खिलाफ नहीं था। तब तो देश की बड़ी सेवा होती थी!

इसके अलावा ट्विटर यूजर @Binod1048 ने भी सवाल करते हुए लिखा कि आपका यह नसीहत तब कहां चला गया था जब 2014 के पहले बीजेपी शासित राज्यों में छोटी छोटी बातों पर बंद का आयोजन करवाया जाता था? क्या उस समय आपको ये दिव्य ज्ञान नहीं प्राप्त हुआ था? गिरीश सोनवलकर नाम के एक यूजर ने भी सवाल पूछा कि किसी विपक्षी शासित राज्य में अगर बीजेपी बंद करती तो क्या आप की सोच यही होती महोदय?

बता दें कि महाराष्ट्र की भाजपा इकाई लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बुलाए गए बंद के विरोध में उतर आई है। शुरू में महाराष्ट्र के व्यापारिक संगठनों ने भी इस बंद का विरोध किया था लेकिन बाद में उसने समर्थन का ऐलान किया और 4 बजे तक दुकान बंद रखने का फैसला किया। महाराष्ट्र बंद को देखते हुए मुंबई में मुंबई पुलिस के साथ ही केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तीन कंपनियां, 500 होमगार्ड और 700 अन्य सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है।