Kangana Taunts Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने तंज कसा है। कंगना ने कहा कि अगर राहुल गांधी अपनी तुलना अटल जी से कर रहे हैं, तो मेरा उनके लिए बस एक सुझाव रहेगा कि भाजपा में शामिल हो जाइए।

कंगना रनौत ने कहा कि ये सरकार के फैसले होते हैं। अटल जी देशभक्त थे। पूरे देश को उन पर गर्व था…लेकिन देश के लिए राहुल गांधी की भावनाएं काफी शंकास्पद हैं। इंटरनेशनल साज़िशें या देश में दंगे करवाने की बात हो या ‘टुकड़े-टुकड़े’ की साज़िशें- यह थोड़ा शंकास्पद है…लेकिन अगर राहुल गांधी अपनी तुलना अटल जी से कर रहे हैं, तो मेरा उनके लिए बस एक सुझाव रहेगा कि भाजपा में शामिल हो जाइए। भगवान ने आपको भी जीवन दिया है और आप भी अटल जी बन सकते हैं…।”

वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जा रहा वाले बयान पर कहा, “उन्होंने कहा है तो सच्च ही तो कहा है। पहले जो भी विदेश से बड़े लोग आते थे वो पीएम से तो मिलते ही थे लेकिन विपक्ष के नेता से भी मिलते थे.. संविधान के खिलाफ जिस तरह से ये चलाया जा रहा है उसमें किसी से मिलने नहीं देना और बात नहीं करने देना ये तो ठीक नहीं है।”

सपा सांसद डिंपल यादव ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के के विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जा रहा वाले बयान पर कहा, “बहुत सारी परंपराएं बदली हैं उसी श्रृंखला में ये एक और परंपरा है जहां विपक्ष के नेता कोई भी विदेशी राजनयिक आते हैं या नेता आते थे तो वो जैसे पक्ष से मिलते थे वो वही विपक्षी नेताओं से भी मिलते थे। तो कही न कही भाजपा इन परंपराओं को बदल रही है।

भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर कहा, “इससे ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर वे लोगों के लिए काम करें… रूसी राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं, ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को उनका स्वागत करना चाहिए, इस समय भी ऐसी नकारात्मक सोच को लेकर सबके समक्ष नहीं आना चाहिए। सबके लिए हमारी सरकार में श्रद्धा और समान का भाव है… नेता प्रतिपक्ष जिस स्थान पर है उन्हें गरिमामय व्यवहार करना चाहिए…”

राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाया?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार (4 दिसंबर) को दावा किया कि मोदी सरकार विदेशी मेहमानों को विपक्षी नेता से मिलने से रोक रही है, क्योंकि वह खुद को असुरक्षित महसूस करती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई विशिष्ट विदेशी मेहमान भारत आता है या वह विदेश जाते हैं तो सरकार की तरफ से कहा जाता है कि उनसे (राहुल से) मुलाकात नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से कुछ घंटे पहले यह दावा किया। पुतिन गुरुवार (4 दिसंबर) शाम आधिकारिक दौरे पर भारत आएंगे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने संसद परिसर में मीडिया से कहा, “आमतौर पर यह परंपरा रही है कि जो विदेशी मेहमान भारत आते हैं उनकी नेता प्रतिपक्ष से मुलाकात होती है। यह अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय होता था और मनमोहन सिंह जी के समय भी होता था। आजकल यह होता है कि जब बाहर से कोई आता है या मैं कहीं बाहर जाता हूं तो सरकार सुझाव देती है कि बाहर से आने वाले अतिथि या उनके (राहुल के) बाहर जाने पर वहां के लोग नेता प्रतिपक्ष से नहीं मिलें।”

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उनका कहना था कि सरकार यह हर बार करती है। राहुल गांधी ने कहा, “हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व हम भी करते हैं, सिर्फ सरकार नहीं करती है। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के लोग बाहर के लोगों से मिलें।” उन्होंने दावा किया, “यह परंपरा है, लेकिन मोदी जी इसका पालन नहीं कर रहे हैं, विदेश मंत्रालय पालन नहीं कर रहा है। यह उनकी असुरक्षा की भावना है।” राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि यह सरकार असुरक्षा का भाव रखती है।

राहुल ने संसद परिसर में मीडियाकर्मियों से कहा, “एक प्रोटोकॉल होता है। आने वाले सभी बड़े लोग नेता प्रतिपक्ष से मिलते हैं। सरकार प्रोटोकॉल को तोड़ रही है। उनकी सारी नीतियां इसी पर आधारित हैं। वे नहीं चाहते कि कोई दूसरी आवाज उठे। वे किसी और की राय नहीं सुनना चाहते। उन्हें लोकतंत्र में प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।”

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