अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित कराने और भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में जेएनयू छात्रसंघ नेता की गिरफ्तारी के बाद भड़का विवाद अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) तक पहुंच गया है। मंगलवार (16 फरवरी) को अलीगढ़ में एएमयू के छात्रों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पुलिस की कथित ज्यादती के विरोध में प्रदर्शन किया। विभिन्न छात्र संगठनों, शिक्षक संघ और कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की। उनके हाथ में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, ‘‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और रोहित वेमुला के हत्यारों, हमें देशभक्ति ना सिखाओ।’’
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि भारत के विश्वविद्यालयों में समस्या पैदा करने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संगठनों की भूमिका की जांच हो। एएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. मुजाहिद बेग ने कहा कि संकट की इस घड़ी में वे जेएनयू समुदाय के साथ हैं।
एएमयू कर्मचारी संघ के महासयिव शमीम अख्तर ने जेएनयू में प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाये जाने की निन्दा की लेकिन सवाल किया कि क्या पुलिस ने नारेबाजी करने वालों की शिनाख्त की। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह आरएसएस से संबद्ध संगठनों के हाथ में खेल रही है।
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उधर, मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर और संसद पर आतंकी हमले के आरोपी रहे एसएआर गिलानी को भी अरेस्ट किया गया। उन पर भी अफजल गुरू के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करने और भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप है। उनके ऊपर भी देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। उन्हें दो दिन की पुलिस कस्टडी पर भेजा गया है। मंगलवार को इस मामले में और क्या-क्या हुआ, जानने के लिए यहां क्लिक करें।
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