जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दावा किया है कि घाटी में दो साल बाद आंतकवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह बात ईईपीसी इंडिया नॉर्दर्न रीजन एक्सपोर्ट के पुरस्कार समारोह में कही। उन्होंने कहा कि कई लोग कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। लेकिन आने वाले दो सालों में जम्मू-कश्मीर से आंतकवाद खत्म हो जाएगा।

समारोह में उपराज्यपाल ने कहा, “कानून व्यवस्था को लेकर निश्चित रूप से कई लोगों को चिंता रहती है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अब स्थितियां काफी बदल गई हैं। कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम आपको भरोसा देना चाहते हैं कि दो वर्ष बाद जम्मू कश्मीर में आंतकवाद कहीं देखने को नहीं मिलेगा। भारत सरकार इस दिशा में काम कर रही है।”

बता दें कि घाटी में आंतकियों के सफाये को लेकर सुरक्षाबल लगातार एनकाउंटर कर रहे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अगले आदेश तक नजरबंद कर दिया गया है। बता दें कि हाल ही महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई नहीं जानता कि घाटी में आतंकियों को मारा भी जा रहा है या नहीं।

मुफ्ती ने दावा किया था कि बीते सोमवार को सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में तीन आम नागरिकों को मारा था। उन्होंने कहा था कि सेना उग्रवाद के नाम पर आम लोगों को अपना निशाना बना रही है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती कई मौकों पर जम्मू-कश्मीर में सेना की कार्रवाई को लेकर केंद्र पर सवाल खड़े कर चुकी हैं।

वहीं महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में बीते टी-20 विश्वकप में पाकिस्तान के हाथों भारत को मिली हार पर कथित रूप से जश्न मनाने वाले कश्मीरियों का भी समर्थन किया था। मुफ्ती ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि पाकिस्तान की जीत पर अगर जश्न मना तो इतना गुस्सा क्यों?

ऐसे में मुफ्ती की नजरबंदी को मनोज सिन्हा के बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि कुछ लोग घाटी में माहौल खराब करने का काम करते हैं।