झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं हैं। झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह भी खबर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से उनकी दो दौर की बातचीत भी हो गई है। चंपई सोरेन अभी दिल्ली में है और गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात होने की चर्चा बताई जा रही है।

हेमंत के जेल जाने के बाद सीएम बने थे चंपई सोरेन

चंपई सोरेन फरवरी 2024 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। हेमंत सोरेन के गिरफ्तार होने के बाद पार्टी ने उन्हें राज्य की कमान सौंपी थी। लेकिन जब हेमंत सोरेन बाहर आए तो जुलाई महीने में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और हेमंत सोरेन ने फिर से सीएम पद संभाला।

हालांकि चंपई सोरेन को हेमंत सरकार में मंत्री बनाया गया। इस बीच पत्रकारों ने भी चंपई सोरेन से बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में चंपई सोरेन ने कहा कि आप लोग ऐसा सवाल क्यों कर रहे हैं? हम इसपर क्या बोले? हम तो आपके सामने हैं। हालांकि उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज नहीं किया।

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चंपई सोरेन सात बार के विधायक हैं। 2005 से लगातार वह सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जा रहे हैं। 1991 में वह पहली बार सरायकेला से ही विधायक बने थे और 2019 में चंपई सोरेन को हेमंत सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। चंपई सोरेन हेमंत सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री माने जाते हैं। उनके पास परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण का विभाग था।

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क्यों हो रही बीजेपी में जाने की चर्चा?

चंपई सोरेन हेमंत सोरेन सरकार में तो मंत्री हैं और जल संसाधन और उच्च शिक्षा विभाग संभाल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सरायकेला में एक सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया था और 25 मिनट तक भाषण दिया। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि हेमंत सोरेन का नाम चंपई सोरेन अपने भाषणों में जरूर लेते हैं लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा चंपई सोरेन ने हाल में बीजेपी पर निशाना भी नहीं साधा है। वहीं जब से उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा है, तब से भाजपा नेता भी उनकी तारीफ कर रहे हैं।