झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन की ईडी द्वारा गिरफ्तारी की बाद राज्य की सियासत के लिहाज से सोमवार का दिन बेहद अहम होने वाला है। राजनीतिक संकट के बीच हाल ही में हेमंत सोरेन के करीबी चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली थी। चंपई सोरेन को सोमवार को झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित करना है। इसके पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के उद्देश्य से जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के हैदराबाद भेजा गया था। सोमवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले गठबंधन के सभी विधायक रविवार को ही वापस रांची आ गए।

सियासी उलटफेर और बीजेपी की सक्रियता के चलते हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सत्ताधारी गठबंधन द्वारा लगातार ये दावे किए जा रहे थे कि ईडी का मकसद जांच करना नहीं बल्कि गठबंधन की सरकार को गिराना है। ऐसे में सरकाऱ में शामिल करीब 40 विधायकों को शुक्रवार को हैदराबाद भेजा गया था और अब रविवार को ये सभी विधायक वापस रांची आ गए हैं। 5 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर एक खास बात यह भी है कि ईडी की हिरासत में भेजे गए हेमंत सोरेन को भी विधायक होने के चलते फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दी गई है।

हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के बाद ही यह याचिका लगा दी थी कि वे एक झामुमो के विधायक हैं, जिसके चलते वे भी 5 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के पात्र है। हेमंत सोरेन की यह अपील पीएमएलए कोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली गई है। हालांकि हेमंत सोरेन की इस याचिका को लेकर हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने इस मांग का विरोध किया था। अदालत के आदेश पर अब पूर्व सीएम भी फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे, जो कि निश्चित तौर पर सत्ताधारी दल के लिए राहत की खबर है।

कानून व्यवस्था को लेकर की थी बैठक

विश्वास मत से ठीक पहले सीएम चंपई सोरेन ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में मुख्य सचिव एल खियांग्ते, डीजीपी अजय कुमार सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। चंपई सोरेन ने अधिकारियों को अपराध पर फुल कंट्रोल रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ खास जिलों का उल्लेख करते हुए अधिकारियों से कहा कि कुछ जिलों में अपराध बढ़ता है, तो पूरे राज्य की छवि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर धूमिल हो जाती है।

BJP ने हेमंत सोरेन को फंसाया?

वहीं विश्वास मत से पहले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बीजेपी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के 52वें स्थापना दिवस के दिन एक रैली के दौरान कहा कि हेमंत सोरेन को फर्जी और झूठे मामले में फंसाया गया है, जिससे 19 साल से जारी झारखंड के खनिजों की लूट के काम को और तेज किया जा सके। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन सीएम बने थे, और उन्होंने बीजेपी द्वारा खनिजों की लूट पर रोक लगवा दी थी, जिसके चलते ही उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है।