झारखंड की राजधानी रांची में विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र में सोमवार को सीएम चंपई सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री को हिम्मतवाला नेता कहा। उन्होंने कहा कि ‘हेमंत हैं तो हिम्मत है।’ सोरेन की गिरफ्तारी के बाद नए सीएम बनाए गए जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने विश्वास मत प्रस्ताव पर कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई हमारी सरकार को गिराने और अस्थिर करने की बीजेपी लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की सरकार ने राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए कई कार्य किए।
सीएम बोले- हेमंत ने सबके दिल में एक दीया जलाया, उसे बुझा नहीं सकते
उन्होंने राज्य विधानसभा में अपनी सरकार के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कहा, “मैं शिबू सोरेन का छात्र हूं, जिन्होंने मुझे झारखंड आंदोलन के दौरान पढ़ाया था। आप किसी भी गांव में चले जाएं, हर घर में आपको हेमंत सोरेन की योजनाएं मिलेंगी। उन्होंने सबके दिल में एक दीया जलाया। इसे बुझाया नहीं जा सकता है। आज पूरा देश देख रहा है कि कैसे हेमंत सोरेन के साथ अन्याय हो रहा है।”
चंपई सोरेन ने कहा- कोविड में प्रवासी मजदूरों को तकलीफ नहीं होने दी
सीएम चंपई सोरेन ने कहा, “हेमंत सोरेन ने कोरोना महामारी के दौरान राज्य की जनता को इलाज के अभाव या भुखमरी से पीड़ित होने नहीं दिया… प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्य में काम करने गए थे, लॉकडाउन के दौरान हेमंत सोरेन की सरकार ने किसी भी प्रवासी मजदूरों को तकलीफ नहीं होने दी, उन्हें हवाई जहाज, ट्रेन, या बस हर साधन के माध्यम से वापस लाने का काम किया…।”
मुख्यमंत्री ने कहा- जो BJP में होता है उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है
मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन का समर्थन करते हुए कहा, “केंद्र में जो सरकार शासन कर रही है, उसने एजेंसियों का दुरुपयोग किया। 2019 में हेमंत को जनादेश मिला। ऐसे मुख्यमंत्री को भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है।” उन्होंने कहा, “ईडी ने बीजेपी नेता भानु प्रताप शाही की 7 करोड़ रुपये की जमीन जब्त कर ली थी, लेकिन वह अब बीजेपी में हैं, इसलिए उन्हें कुछ नहीं होगा। लेकिन जहां हेमंत सोरेन के स्वामित्व का कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन उन्हें आरोपी बना दिया गया है।”
“हेमंत है तो हिम्मत है” चंपई सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, जब उन्होंने 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया।
विधानसभा में उन्होंने कहा, “झारखंड के आदिवासी और मूलवासी आर्थिक, सामाजिक दमन से पीड़ित हैं। हेमंत बाबू ने उनके बारे में सोचा। उन्होंने सभी वंचित लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा।” मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पूछा, “ये गुनाह है क्या।”
