झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। अपनी गिरफ्तारी से पहले, सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं, राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। वह झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे।

महज 38 साल की उम्र में सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड की कमान संभालने के बाद से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी तक हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन भी झारखंड के मुख्यमंत्री थे। राजनीतिक विरासत के लिए सोरेन अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की पहली पसंद नहीं थे। 2009 में अपने बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन के बाद हेमंत ने राजनीति में अपना पैर जमाना शुरू किया।

हेमंत सोरेन ने बीच में ही छोड़ दी थी पढ़ाई

हजारीबाग के पास नेमरा गांव में 10 अगस्त, 1975 को जन्मे हेमंत ने पटना माध्यमिक स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। जिसके बाद उन्होंने रांची में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा में दाखिला लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। हेमंत को बैडमिंटन, साइकिल और किताबों का शौक हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं और दंपति के दो बच्चे हैं। हल ही में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद कल्पना सोरेन को भी मुख्यमंत्री बनाने की चर्चाएं थीं।

सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के रूप में संभाली झारखंड की कमान

हेमंत ने 2009 में राज्यसभा सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा। जिसके अगले साल ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए संसद के उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, दो साल बाद भाजपा-झामुमो सरकार गिर गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। साल 2013 में उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के समर्थन से सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड की कमान संभाली।

मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का पहला कार्यकाल कम समय का रहा क्योंकि 2014 में भाजपा ने सत्ता हासिल कर ली और रघुबर दास मुख्यमंत्री बन गए। उस दौरान हेमंत विपक्ष के नेता बने। साल 2016 में जब भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए आदिवासी भूमि को पट्टे पर देने की अनुमति को लेकर छोटानागपुर किरायेदारी अधिनियम और संथाल परगना किरायेदारी अधिनियम में संशोधन करने की कोशिश की तो सोरेन ने एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया। अपने सहयोगियों कांग्रेस और राजद के समर्थन से हेमंत 2019 में सत्ता में आए और उनकी पार्टी झामुमो ने 81 सदस्यीय विधानसभा में अकेले 30 सीटें जीतीं।

मनी लॉन्डरिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी

हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया गया है।अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन के जवाब साफ नहीं थे इसलिए उन्हें धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया। झामुमो सूत्रों ने बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार रात को झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया।