ओमप्रकाश ठाकुर
पूर्णबंदी में छूट के दूसरे चरण के बाद कोरोना संक्रमण ने पहाड़ पर ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि इस पर काबू पाना मुश्किल हो गया है। कामगारों और मजदूरों के बीच ही नहीं कोरोना संक्रमण मुख्यमंत्री कार्यालय में भी दस्तक दे चुका है। मुख्यमंत्री के दर्जनों सुरक्षा कर्मी संक्रमित पाए जा चुके हैं। जयराम मंत्रिमंडल में हाल ही शामिल किए गए ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और उनकी दो बेटियां संक्रमित हो गईं। भाजपा के विधायक और नेता संक्रमित हो चुके हैं। ये सामाजिक नियमों के उल्लंघन का नतीजा था।
ऐसे में जयराम सरकार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए मिले तमाम तमगे धराशायी हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के दौरान हिमाचल की आशा कार्यकर्ताओं की ओर से घर-घर जाकर कोरोना से जुड़े लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए चलाए गए अभियान का जिक्र भी किया व जयराम सरकार के इस अभियान को सराहा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों को भी इस तरह के अभियान चलाने का आग्रह किया। लेकिन ये तमाम सराहनाएं व तमगे अब गायब हो गए है।
प्रदेश के 12 जिलों में से 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है। केवल कबाइली जिला लाहुल-स्पीति कोरोना संक्रमण से कुछ हद तक बचा हुआ है। यह जिला इसलिए बच गया है क्योंकि वहां पर स्थानीय लोगों ने बाहरी लोगों के आगमन पर पाबंदी लगा रखी है। यहां के बाशिंदे सरकार व प्रशासन पर निर्भर नहीं रहे हैं।
यहां तक कि लोगों ने यहां से स्थानीय विधायक व जयराम सरकार में मंत्री रामलाल मारकंडा तक को जिला में नहीं घुसने दिया व बेरंग लौटा दिया। इस जिला में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 29 जून को सामने आया था और तब प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 940 थे। लेकिन जिले में अब कोरोना संक्रमण के सात मामले हो चुके हैं जबकि प्रदेश में ये मामले बढ़ कर 4800 के पार चले गए है।
मौतों का आंकड़ा भी दो दर्जन के पार चला गया है। 18 अगस्त तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण से 17 मौतें हुई थीं लेकिन ये आंकड़ा 22 अगस्त को 26 तक पहुंच गया। चार दिनों में आठ मौतें हो चुकी है। ये आंकड़े अब डराने लगे है। अब दिनोंदिन स्थिति गंभीर बनती जा रही है और इस रफ्तार को रोकने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हैं। कोरोना संक्रमण पहाड़ पर हावी होता जा रहा है। हालांकि पहाड़ों के दुर्गम होने का फायदा उठाया जा सकता था जो नहीं उठाया जा सका।
दूसरी ओर, जयराम सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश की स्थिति बाकी राज्यों की तुलना में बेहतर है। लेकिन उन्होंने बढ़ती मौतों पर चिंता जरूर जाहिर की है। लेकिन पहाड़ में पूर्णबंदी से तीसरे चरण में मिलने वाली छूटों से इस संक्रमण के बढ़ने के खतरे को लेकर सभी चिंतित है।
पर्यटन से जुड़े तमाम कारोबारी पाबंदियों में ज्यादा छूटों की मांग कर रहे है। खासकर होटल व्यावसायी सैलानियों को 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाने की शर्त को समाप्त करने की मांग एक अरसे से कर रहे है। इन कारोबारियों की दलील है किसी अन्य राज्यों ने ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई है। अब अगर पूर्णबंदी के तीसरे चरण में अंतरराज्यीय आवाजाही शुरू हो गई तो ये मामले कहां तक पहुंचेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।