Jammu-Kashmir Assembly Election 2024: आज चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव (Haryana- Jammu Kashmir Assembly Elections 2024) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर पहले ही आदेश दे रखा था कि राज्य में 30 सितंबर तक चुनाव कराकर नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। ऐसे में आज विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने अपने साथी चुनाव आयुक्त के सात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया है। इसके मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर में तीन चरणों में वोटिंग होगी और चुनावी नतीजे हरियाणा के साथ 4 अक्टूबर को ही आएंगे।

चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में तीन फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। सभी सीटों के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होंगे। राज्य की 90 में से 74 सीटें सामान्य रखी गई हैं। इसके अलावा अन्य 16 सीटें आरक्षित हैं। ये तो रहीं इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव की बात, लेकिन पिछले विधान सभा चुनाव पर नजर डालना भी अहम है।

18 सितंबर से तीन चरण में मतदान, 4 अक्टूबर को नतीजे… चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में चुनावी तारीखों का किया ऐलान

Article-370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

जम्मू कश्मीर में होने वाला विधानसभा चुनाव इस बार इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अनुच्छेद 370 का स्पेशल स्टेटस खत्म होने और पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर राज्य में पहला चुनाव हो रहा है। 5 अगस्त 2019 को राज्यपाल की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके साथ ही 35ए और पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया था।

क्षेत्रीय दलों ने किया था फैसले का विरोध

राज्य की क्षेत्रीय पार्टियों ने इस मुद्दे पर राज्यपाल और केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की थी। इन क्षेत्रीय दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे दल शामिल थे। हालांकि, दिलचस्प बात यह भी है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद के बाद घाटी में आतंकी घटनाओं से लेकर पत्थरबाजी तक में बड़ी गिरावट आई थी। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए निकली जबरदस्त भीड़ ने यह संकेत दे दिया था कि यहां की जनता पूरी तरह रे जम्हूरियत के साथ है।

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दस साल पहले हुए चुनाव के क्या थे नतीजे

साल 2014 में हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव खास इसलिए हैं क्योंकि उस वक्त लद्दाख भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा था। वहीं विधानसभा की संख्या 87 सीटों की थी। चुनावी नतीजों में पीडीपी ने 28 और बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं। नेशलन कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने 2, सीपीएम, जेकेपीडीएफ और निर्दलीय ने 1-1 सीट जीती थी।

BJP-PDP की बनी थी आखिरी सरकार

राज्य में बीजेपी ने पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और सीएम पीडीपी के तत्तकालीन चीफ मुफ्ती मोहम्मद सईद बने थे। इनके निधन के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। इसके बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनी थीं लेकिन पीडीपी का गठबंधन बीजेपी के साथ ज्यादा नहीं चला था। साल 2018 के जून में बीजेपी ने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।

साल 2018 को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का ऐलान कर दिया था। इसके पीछे हवाला दिया गया कि राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाएं बन रही थीं। इसको लेकर भी राज्य की सियासत काफी गर्म हो गई थी।