घाटी में सेना के बड़े एक्शन से बौखलाए आतंकियों ने अपनी रणनीति बदली ली है। अब उनके निशाने पर महिलाओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के निहत्थे पुलिसकर्मी, नेता और नागरिक आ चुके हैं। ऐसे में धर्म के आधार पर भी लोगों की हत्या की जा रही है। गुरुवार को श्रीनगर के ईदगाह में ब्वॉएज हायर सेकेंड्री स्कूल में आंतकियों ने प्रिंसिपल सुपिंदर कौर(44) और शिक्षक दीपक चांद की पहचान पूछकर उन्हें गोली मार दी।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि, आतंकियों ने पहले दोनों शिक्षकों का आई कार्ड देखा और फिर उन्हें स्कूल परिसर में ले जाकर गोली मार दी। जानकारी के मुताबिक 10.30 बजे तीन आतंकवादी पिस्टल के साथ स्कूल में दाखिल हुए। उन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों को लाइन से खड़ा कर उनका नाम पूछा, और पहचान पत्र भी देखे। इसमें आतंकियों ने गैर-मुस्लिमों को बाहर निकालकर गोली मार दी।

आतंकियों ने परिसर छोड़ने से पहले कई बार प्रिंसिपल और शिक्षक को गोली मारी। जिससे दीपक चांद की तो मौत वहीं तुरंत हो गई लेकिन कौर की मौत अस्पताल जाते समय हुई। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित लश्कर ए तैयबा के धड़े टीआरएफ ने ली है।

हालांकि टीआरएफ की तरफ से ये भी कहा गया है कि, धर्म के आधार पर नहीं मारा गया बल्कि 15 अगस्त प्रिंसिपल और शिक्षक ने बच्चों को स्कूल आने के लिए दबाव बनाया था, इसलिए उनकी हत्या की गई।

घाटी में बढ़ रही ऐसी घटनाओं पर कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने कहा कि, बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने से उनके आकाओं में बौखलाहट आई है। उन्होंने जानकारी दी कि, इस साल कश्मीर में आतंकवादियों ने 28 नागरिकों की हत्या की है। इसमें स्थानीय हिंदू, सिख और दो गैर-स्थानीय हिंदू मजदूरों की मौत हुई है।

विजय कुमार ने कहा कि, जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन अब आतंकियों ने अपनी रणनीति बदल ली है। अब वो अल्पसंख्यक समुदायों के निहत्थे पुलिसकर्मियों, महिलाओं, राजनेताओं, और आम नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि, आतंकी पिस्टल के जरिए लोगों की हत्या कर रहे हैं। इसमें नए भर्ती किए गए आतंकवादियों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे हमलावरों की हम ट्रैकिंग कर रहे हैं, इनका सफाया जल्द होगा।