नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की राजनीति में भाजपा को शामिल किए जाने के मुद्दे पर एक-दूसरे से भिड़ गए। यही नहीं बात इतनी ज्यादा बढ़ी कि सरकार ने दोनों नेताओं को अब अलग-अलग जगहों पर रखने का फैसला किया है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि दोनों नेताओं को बीते हफ्ते श्रीनगर के हरि निवास पैलेस में हिरासत में रखा गया था।
इसी दौरान दोनों नेता भाजपा को लेकर आपस में भिड़ गए। अधिकारियों ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि दोनों नेता एक-दूसरे पर भाजपा को जम्मू कश्मीर की राजनीति में लाने का आरोप लगा रहे थे। उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती और उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर आरोप लगाते हुए उन पर साल 2015 से 2018 के दौरान भाजपा को राज्य की सत्ता में शामिल करने का आरोप जड़ा।
सूत्रों के अनुसार, इस पर महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला को याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उनके पिता और पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने भी गठबंधन किया था। महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान तेज आवाज में उमर अब्दुल्ला को यह भी याद दिलाया कि ‘आप वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्रालय में जूनियर मंत्री भी रहे थे।’
इतना ही नहीं महबूबा मुफ्ती ने कथित तौर पर उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला के उस फैसले की भी आलोचना की, जिसके तहत उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत के साथ शामिल करने का फैसला किया था। बहरहाल दोनों नेताओं के बीच की बहस के बाद सरकार ने अब दोनों नेताओं को अलग-अलग रखने का फैसला किया है।
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इस फैसले के तहत उमर अब्दुल्ला को फिलहाल वन विभाग के अधिकार क्षेत्र वाले मशहूर पर्यटन केन्द्र चश्मेशाही में भेज दिया गया है। वहीं महबूबा मुफ्ती को हरि निवास पैलेस में ही रखने का फैसला किया गया है। बता दें कि हरि निवास पैलेस जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह का कई सालों तक घर रहा था। फिलहाल यह सरकार के पास है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से पूर्व सीएम विभिन्न पार्टियों के करीब 100 नजरबंद या हिरासत में रखे गए हैं।