जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच कोई अंतर नहीं है। गांदरबल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वह बहुमत के आंकड़े से कम हो जाती है, तो वह जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों को साथ लेगी।
हमें सावधानी से मतदान करना होगा- उमर
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन ताकतों को रोकने के लिए हमें इन चुनावों में सावधानी से मतदान करना होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दिल्ली के साथ समझौता किया है वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के मुद्दों को नहीं समझेंगे।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव घोषणापत्र के दौरान जम्मू में गृह मंत्री अमित शाह के बयानों का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कल ही वह (शाह) उन पार्टियों का नाम ले रहे थे जिनके साथ वे सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसी कई पार्टियां हैं जिनका उन्होंने जिक्र तक नहीं किया, जिसका मतलब है कि अगर उन्हें (भाजपा) मौका मिला, तो वे मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवारों, (जम्मू-कश्मीर) अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाएंगे।”
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इंजीनियर रशीद पर उमर ने साधा निशाना
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि गृह मंत्री जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद की पार्टी (अवामी इत्तेहाद पार्टी) का जिक्र उन लोगों में करेंगे जिनके साथ बीजेपी गठबंधन नहीं करेगी, लेकिन वह उनके बारे में भी चुप थे। इसका मतलब है कि अगर बीजेपी चाहे तो ऐसा कर सकती है। सरकार बनाने के लिए उनके (एआईपी) पास भी जा सकते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने बारामूला से लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने वाले इंजीनियर राशिद और कश्मीर में 2016 के विरोध प्रदर्शन का चेहरा सरजन बरकती (नामांकन पत्र दाखिल किया है) की ओर इशारा करते हुए पूछा, “जेल में बंद लोग केवल मेरे खिलाफ ही क्यों चुनाव लड़ रहे हैं?” गांदरबल से उमर के ख़िलाफ़. बरकती ने बीरवाह सीट से भी अपना नामांकन दाखिल किया है। इस सीट का उमर ने पिछले विधानसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि इस बार बगल के बडगाम से चुनाव लड़ रहे हैं।