जम्मू कश्मीर में राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव हुए थे। अब सभी सीटों के नतीजे आ गए हैं। जम्मू कश्मीर में हुए राज्यसभा चुनाव की तीन सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस ने जीत दर्ज की है तो वहीं एक सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की है। नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद रमजान, सज्जाद अहमद किचलू और शमी ओबेरॉय ने जीत दर्ज की है। वहीं चौथी सीट पर भाजपा के सत शर्मा की जीत हुई है। चारों सीट पर शुक्रवार को ही चुनाव हुआ था और शाम में ही नतीजे आ गए। इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी को 4 अतिरिक्त वोट मिलने पर सवाल उठाए हैं।

उमर अब्दुल्ला ने X पर एक पोस्ट में कहा, “चारों चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस के सभी वोट बरकरार रहे, जैसा कि हमारे चुनाव एजेंट ने हर मतदान पर्ची देखी। हमारे किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की, इसलिए सवाल उठता है – भाजपा के 4 अतिरिक्त वोट कहाँ से आए? वे कौन विधायक थे जिन्होंने वोट देते समय गलत वरीयता संख्या डालकर जानबूझकर अपने वोट रद्द कर दिए? क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि वे हमें वोट देने का वादा करने के बाद भाजपा की मदद करने की बात स्वीकार करें? किस दबाव या प्रलोभन ने उन्हें यह चुनाव करने में मदद की? देखते हैं कि भाजपा की गुप्त टीम का कोई सदस्य अपनी आत्मा बेचने की बात स्वीकार करता है या नहीं।”

भाजपा के विधानसभा में 28 विधायक

बता दें कि भाजपा के विधानसभा में 28 विधायक हैं। पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायक सज्जाद लोन ने मतदान से दूरी बना ली। बीजेपी उम्मीदवार को 32 वोट मिले हैं यानि उसकी संख्या से 4 अधिक। इसी को लेकर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए हैं।

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नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को 53 विधायकों का समर्थन

बता दें कि जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व वाले गठबंधन को 53 विधायकों का समर्थन है। विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस के 41, कांग्रेस के 6 और सीपीआई के एक विधायक हैं। जम्मू कश्मीर में सात निर्दलीय भी हैं जिनमें से पांच ने नेशनल कांफ्रेंस सरकार को समर्थन दिया था। वहीं शुक्रवार सुबह पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी अपने तीन विधायकों का समर्थन नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवारों को दे दिया था। ऐसे में उनके तीन उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही थी।

जारी हुईं थी तीन अधिसूचनाएं

जम्मू कश्मीर में चार सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की थी। इसमें एक-एक सीट के लिए शुरू में दो अधिसूचना जारी की गई। इसके बाद दो सीटों के लिए तीसरी अधिसूचना जारी की गई थी। शुरू में जो दोनों अधिसूचनाए जारी की गई, उन सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस की जीत पक्की मानी जा रही थी, जबकि विधानसभा में संख्या के अनुसार आखिरी अधिसूचना में जिन दो सीटों पर चुनाव होना था, उनमें भाजपा और नेशनल कांफ्रेंस के बीच मुकाबला था।