जम्मू और कश्मीर में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। मंगलवार (चार जून, 2019) को चुनाव आयोग (ईसी) ने साफ किया कि राज्य में साल के अंत में विस चुनाव कराए जा सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद ही उससे जुड़ा शेड्यूल जारी किया जाएगा। ईसी के बयान में कहा गया, “संविधान के अनुच्छेद 324 और अन्य कानून/नियमों के तहत हमने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव फिलहाल थामने का फैसला लिया है। साल के अंत तक इसे कराया जा सकता है।”
आयोग के मुताबिक, “हम राज्य की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रहेंगे। समय-समय पर इस संबंध में इनपुट्स भी लिए जाएंगे, जबकि अमरनाथ यात्रा के बाद चुनावी शेड्यूल का ऐलान किया होगा। बता दें कि अमरनाथ यात्रा एक जुलाई (मासिक शिवरात्रि के दिन) से शुरू होगी। 46 दिन चलने वाली यह पवित्र तीर्थ यात्रा 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगी। हर साल जुलाई से मध्य अगस्त तक अमरनाथ यात्रा होती है।
राज्य में जून 2018 से जनता द्वारा कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन टूटने पर वहां दिसंबर 2018 तक राज्यपाल शासन रहा, जिसके बाद से सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू है।
शाह ने लिया सूबे की स्थिति का जायजाः गृह मंत्री अमित शाह को मंगलवार को जम्मू कश्मीर की स्थिति का विस्तृत ब्योरा दिया गया। भाजपा राज्य विधानसभा में जम्मू क्षेत्र से ज्यादा सीटों के लिए परिसीमन अभियान चलाने के लिए प्रयासरत है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री को इस संवेदनशील राज्य की जमीनी स्थिति से अवगत कराया गया। सूबा बीते तीन दशकों से आतंकवाद की चपेट में है और वहां शांति कायम रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है।
अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा इंतजाम से भी कराया अवगतः गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शाह को सालाना अमरनाथ यात्रा के लिए किये जा रहे सुरक्षा इंतजाम के बारे में जानकारी दी गई। यह यात्रा एक जुलाई से शुरू होनी है। उन्होंने कहा कि शाह जल्द ही इस राज्य का दौरा कर सकते हैं। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा और गृह मंत्रालय में कश्मीर संभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे। यह बैठक ऐसे समय हुई जब प्रदेश भाजपा राज्य में परिसीमन अभियान कराने पर लगी 16 साल की रोक को हटाने के मुद्दे को उठाती रही है। (भाषा इनपुट्स के साथ)