जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों के नाम कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट हैं। संदेह है कि आंतकियों ने पहले ही वहां दबिश दे रखी थी और जैसे ही भारतीय जवान वहं सर्च ऑपरेशन के लिए गए उन्होंने हमला कर दिया। इस हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फोर्स (TRF)ने ली है। इस संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का रिक्रूटर कहा जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको इस संगठन के बारे में पूरा जानकारी देंगे।
आतंकी संगठन टीआरएफ का वजूद 2019 में आया। यह पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मोहरा है। यानी लश्कर-ए-तैयबा इस संगठन के जरिए कई अपने आतंकी मंसूबे को पूरा करती है। यह संगठन युवाओं का माइंडवॉश कर उनको बहका कर आंतकी संगठनों में शामिल करने का काम करती है। पाकिस्तान से होनी वाली घुसपैठ के लिए भी इसी आंतकी संगठन को जिम्मेदार माना जाता है। इस संगठन हथियार और ड्रग्स तस्करी में भी शामिल पाया गया है। इसी साल केंद्र सरकार ने इस आतंकी संगठन को बैन कर दिया था। इसके कमांडर शेख सज्जाद गुल जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के लिए जाना जाता है।
जानकारी के अनुसार, 12 और 13 सितंबर को ऐसे इनपुट मिले थे कि अनंतनाग में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। उस इनपुट के आधार पर ही सेना और पुलिस दोनों जमीन पर सक्रिय हो गईं और उनकी तरफ से एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया। अब जिस समय तलाशी अभियान चलाया गया, कुछ आतंकियों ने अचानक से फायरिंग कर दी और उस गोलीबारी में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन खून इतना बह चुका था कि तीनों में से किसी भी वीर सपूत को नहीं बचाया जा सका।
10 लाख का इनामी आतंकी उजैर खान को ढूढ़ने में लगी सेना
संगठन के आंतकी उजैर खान पर 10 लाख का इनाम है। सेना उजैर खान सहित संगठन के बाकी आतंकियों को खोज रही है। रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षाबलों ने उन्हें घेर रखा है। दोनों तरफ से फायरिंग जारी है। दरअसल, यह संगठन 2022 से घाटी में एक्टिव है।