कृषि क़ानूनों के विरोध में कड़ाके की ठंड और भारी बारिश के बावजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के अलग अलग सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। धरने में बैठे किसानों ने अपने लिए कई सारी व्यवस्था कर ली है. किसी ने तंबू गाड़ रखे हैं तो कई किसानों ने टेंट बना लिए हैं। ठंड और बारिश से बचने के लिए कई किसानों ने अपनी अपनी ट्राली पर ही अस्थायी आशियाना बना दिया है। इतना ही नहीं किसान आन्दोलन में आये एक किसान ने अपने ट्रक को ही घर की शक्ल दे दी।

जालंधर से आये हरप्रीत सिंह किसान आन्दोलन में भाग लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं। हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को घर में तब्दील कर दिया। हरप्रीत कहते हैं कि मैं यहाँ लंगर सेवा के लिए 2 दिसंबर को आया था। यहाँ आने के लिए मैंने अपना सारा काम छोड़ दिया और सिंघु बॉर्डर पर सात दिन सेवादारी की। जब मुझे घर की याद आने लगी तो मैंने ट्रक को ही अपना अस्थायी घर बनाने को सोचा।

हरप्रीत ने अपने ट्रक में बाथरूम से लेकर टीवी और सोफा तक लगवा दिया। हरप्रीत के इस स्टाइलिश ट्रक को काफी लोग पसंद कर रहे हैं। वैसे आन्दोलन में किसानों के लिए हर तरह की व्यवस्था की गयी है। यहाँ तक कि कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है। इसके अलावा ठण्ड में नहाने के लिए पानी को गर्म करने वाला देशी जुगाड़ गीजर भी रखा गया है। इतना ही नहीं बुजुर्ग किसानों के पैर की मालिश की व्यवस्था भी की गयी है। ताकि उनका पूरा पूरा ध्यान रखा जा सके।

इतना ही नहीं सिंघु बॉर्डर पर ओपन जिम, लाइब्रेरी और कम्युनिटी सेंटर तक बनाये गए हैं। अब तो यहाँ किसानों ने अपना खुद का अखबार भी शुरू कर लिया है जिसका नाम ट्राली टाइम्स रखा गया है। इस अखबार में विरोध प्रदर्शन की जानकारी से लेकर चित्र और कवितायेँ तक शामिल होती है।

आज किसान आन्दोलन का 39वां दिन है। आने वाले दिनों में किसान संगठनों ने आंदोलन को और सख्त बनाने के संकेत दिए हैं। किसानों ने कहा है कि अगर 4 जनवरी की बैठक में हल नहीं निकला तो आंदोलन और तेज करेंगे।  किसान संयुक्त मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगले दौर की बातचीत में मुख्य मांगों पर ठोस फ़ैसला नहीं होता है तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौक़े पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। अगले दौर की बातचीत चार जनवरी को रखी गयी है।