जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 15 जनवरी को ही घाटी में कुछ जरूरी सेवाओं के लिए ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू कर दी है, हालांकि अभी भी करीब 153 वेबसाइट्स पर प्रतिबंध जारी है, इनमें सरकार की वाइट लिस्ट में शुमार कुछ साइट्स के साथ-साथ, सभी सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाइट्स भी शामिल हैं। बता दें कि इनमें जीमेल और आउटलुक समेत चार ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी शामिल हैं। वहीं आरबीआई, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पेपल और वेस्टर्न यूनियन समेत 15 बैंकिंग वेबसाइट्स, रोजगार संबंधी तीन, शैक्षणिक सेवाओं संबंधी 38, विकिपीडिया और जम्मू-कश्मीर से जुड़े पांच विश्वविद्यालयों की वेबसाइट्स भी शामिल हैं।

नेटफ्लिक्स भी वाइट लिस्ट मेंः प्रतिबंधित वेबसाइट्स में इनक्रेडिबल इंडिया, अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ-साथ 20 ट्रैवल वेबसाइट्स भी शामिल हैं। जिन इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू की गई हैं उनमें इनकम टैक्स ई-फाइलिंग, पासपोर्ट और आधार से जुड़ी वेबसाइट चालू रहेंगी। नेटफ्लिक्स (Netflix), एमेजॉन प्राइम (Amazon Prime) और हॉटस्टार (Hotstar) जैसे इंटरटेनमेंट से जुड़े 11 डोमेन भी वाइट लिस्ट में शामिल हैं।

Hindi News Live Hindi Samachar 17 January 2020: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

सुप्रीम कोर्ट ने की थी समीक्षाः जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से ही घाटी में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद थी। 70 दिनों के बाद पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवा शुरू कर दी गई थी। एसएमएस सेवाएं 1 जनवरी से शुरू हो गई थीं। 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने घाटी में इंटरनेट शटडाउन के मामले की समीक्षा की थी। कोर्ट ने इंटरनेट के जरिये अभिव्यक्ति की आजादी को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) का अभिन्न अंग बताया था।

गृह विभाग ने जारी किया था आदेशः 14 जनवरी को राज्य के गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि इंटरनेट सुविधा शुरू किए जाने से पहले इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को जरूरी फायरवाल इंस्टाल करने चाहिए और साइट्स की वाइट लिस्ट बनानी चाहिए जिससे सरकारी वेबसाइट्स तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित हो। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के नेतृत्व में बनी समिति सात दिनों के भीतर आदेश की समीक्षा की जाएगी।