International Khan Market Gang: विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने भारत के बारे में पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में विदेश मंत्री मे कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि एक अंतरराष्ट्रीय खान मार्केट गैंग भी है। ये वे लोग हैं जो यहां के हकदार से जुड़े हैं। वे उनके साथ सामाजिक रूप से सहज हैं, इसलिए मुझे लगता है कि जब घरेलू खान बाजार में बिक्री कम हो जाती है, तो अंतरराष्ट्रीय खान बाजार गैंग को लगता है कि मुझे इन लोगों को प्रोत्साहित करने और उन्हें समर्थन देने की जरूरत है।’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘आप यह देख सकते हैं कि भारतीय राजनीति की दिशा और भारतीय मतदाताओं की पसंद को प्रभावित करने साफतौर पर कोशिश की जा रही है। यह चुनाव के वक्त चरम पर होती है, लेकिन यह कोशिश उसके बाद भी जारी रहती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह रैंकिंग क्या हैं? यह आपको हतोत्साहित करने, आपको अवैध ठहराने, यह दिखाने की कोशिश है कि सभी चीज भारत में गलत हैं, क्योंकि भारत उन्हें जो परिणाम देने जा रहा है वह उन्हें पसंद नहीं हैं।

कांग्रेस के आरोप कि भाजपा आरक्षण और संविधान खत्म कर देगी? इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘देश में आरक्षण पर हमला किसने किया है? ये कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के कुछ अन्य दलों ने किया है। व्यवस्थित रूप से आस्था की तर्क का इस्तेमाल किया गया और अल्पसंख्यक संस्थान बनाए गए जिनके पास आरक्षण था, उनसे आरक्षण छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि संविधान में 80 संशोधन किसके द्वारा किए गए थे? यह कांग्रेस पार्टी है जिसका संविधान बदलने का सर्वोच्च रिकॉर्ड है। इसके बावजूद अब कांग्रेस कहने का साहस कर रही है कि अन्य लोगों की मंशा संविधान बदलने की है।’

लोकसभा चुनाव में प्रचार पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘मैंने 10-12 राज्यों में प्रचार किया। मुझे दो राज्यों में और जाना है। मेरे लिए प्रचार अलग था। मैंने गुजरात विधानसभा चुनाव और कर्नाटक में प्रचार किया है, लेकिन लोकसभा चुनाव अलग होते हैं। राजनीतिक रूप से जागरूक मतदाता होना एक बात है, लेकिन जब आप चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, प्रचार कर रहे हैं, दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं यह एक अलग अनुभव है।’

युवा मतदाताओं के साथ बातचीत पर जयशंकर ने बताया, ‘मैं विदेश नीति और दुनिया में देश की स्थिति में लोगों की रुचि देखकर बहुत प्रभावित हूं। मुझे लोग यूक्रेन में बचाव अभियान के दौरान चुनौतियों के बारे में सबसे अधिक पूछते हैं। रूस के तेल मुद्दे और पीओके के बारे में भी काफी पूछा जाता है। मैं आश्चर्यचकित रह गया जब संयुक्त राष्ट्र में सीट के मुद्दे पर चर्चा हुई। जनता को लगता है कि भारत को इसके लिए कोशिश करनी चाहिए।