दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के बाद यहां लगी पाबंदियों में ढील देने की मांग उठने लगी है। इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि पाबंदियां कम करने से पहले सरकार ठीक तरीके से स्थिति का आकलन करेगी। इस कड़ी में संक्रमण दर की प्रवृत्ति की पुष्टि के लिए तीन से चार दिन तक कोविड-19 संबंधी स्थिति का आकलन किया जाएगा।

तत्काल राहत के कयासों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविड संक्रमण दर अभी इतनी कम नहीं हुई कि पाबंदियां हटाई जाएं। मंत्री ने कहा कि सरकार अभी तीन-चार दिन तक हालात पर नजर रखेगी। दिल्ली में कोरोना विषाणु संक्रमण पर रोक लगाने के लिए पाबंदियां लगाई हैं।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से दुकान खोलने की सम-विषम व्यवस्था को लेकर व्यापारियों के विरोध के बारे मेंं पूछने पर जैन ने कहा कि दिल्ली में कोविड संक्रमण दर 30 फीसद से कम होकर 22.5 फीसद रह गई है, लेकिन यह इतनी कम नहीं है कि सभी प्रतिबंधों को अचानक वापस ले लिया जाए। संक्रमण दर को इसका आधा होना चाहिए।

जांच से किसी को मनाही नहीं’

स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि दिल्ली में महामारी चरम पर पहुंचने के बाद अब गिरावट की ओर है। मंत्री ने बताया कि दिल्ली में अभी रोजाना 50 से 60 हजार जांच की जा रही है। प्रतिदिन जांच की संख्या देश के अन्य भागों में प्रतिदिन की जा रही कोविड जांच की संख्या से तीन गुना है।

दिल्ली में जांच दर कम होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी को कोविड-19 संबंधी जांच से इनकार नहीं किया जा रहा है और अधिकारी केंद्र से जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोविड-19 के अधिक लक्षण वाले मरीजों के संपर्क में आए लोग और जिनमें संक्रमण के लक्षण हैं, वे जांच कराएं।

छुट्टी पाने से ज्यादा अब भर्ती हो रहे मरीज

दिल्ली के अस्पतालों में जनवरी में अब तक भर्ती हुए कोविड मरीजों की संख्या अस्पताल से छुट्टी पाने वालों की संख्या से अधिक है। सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, एक जनवरी से 17 जनवरी के बीच औसतन 395 कोविड रोगियों को रोजाना अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि 243 रोगियों को इस अवधि में प्रतिदिन छुट्टी दी गई। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में कुल 4,134 रोगियों को शहर के अस्पतालों से छुट्टी मिली, जबकि अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों की संख्या 6,707 रही।

सरकारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि एक जनवरी से सात जनवरी के बीच अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या अस्पतालों से छुट्टी प्राप्त करने वाले मरीजों की संख्या के मुकाबले दोगुना अधिक थी। महीने के पहले दिन जहां 28 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी मिली, वहीं 70 रोगी अस्पतालों में भर्ती हुए। इसके अगले दिन, 75 मरीज भर्ती हुए, जबकि 32 रोगियों को छुट्टी मिली।

इसके बाद, तीन जनवरी को 32 रोगियों को छुट्टी मिली, जबकि भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 140 हो गई। आंकड़ों के अनुसार, चार, पांच, छह और सात जनवरी को भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या क्रमश: 222, 340, 385 और 456 रही, जबकि इन दिनों में अस्पतालों से क्रमश: 77, 71, 104 और 161 रोगियों को छुट्टी मिली।