आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अखंड भारत की बात कहकर देश में राजनीति के तापमान को गर्म कर दिया है। दरअसल अखंड भारत के संबंध में मोहन भागवत ने कहा कि भारत अपने उत्थान की पटरी पर चल चुका है और अब हमें इसे पूरा किए बिना रुकना नहीं है। मोहन भागवत ने कहा कि संतो ने ज्योतिष के आधार पर कहा है कि अगले 20 से 25 सालों में भारत फिर से अखंड हो जाएगा और हम लोग इसी आधार पर काम करें और तेजी से प्रयास करें तो यह अगले 10 से 15 सालों में ही हो जाएगा।

मोहन भागवत के अखंड भारत वाले बयान के मुद्दे पर समाचार चैनल आज तक पर बहस चल रही थी, जिसमें बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी भी मौजूद थे। इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने अखंड भारत की परिकल्पना समझाई। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, “भारत की अखंडता का विस्तार जानते हैं कहां तक था। वेस्टइंडीज अमेरिका के पास है और वहां के निवासियों को इंडियन कहा जाता है और भारत वहां तक था। इंडोनेशिया में नेशिया का ग्रीक में अर्थ है द्वीप और इंडोनेशिया का अर्थ हुआ भारतीय द्वीप और यह हमारा भौगोलिक विस्तार था।”

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि, “अभी हमने नव वर्ष मनाया है और हमारा ब्रह्म संवत 1 अरब 97 करोड़ 40 लाख 29 हजार 124 है। टाइम और स्पेस में जो विराटता है इसे समझिए और अभी चेतना जग रही है तो हमें बहुत कुछ लड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जितनी चेतना स्वतः साकार होते हुए अंदर आ जाएगी।”

इसके बाद एंकर ने पूछा कि जब सब कुछ हो ही गया तो फिर 10 साल का इंतजार क्यों करना है? पहले पीओके लीजिए फिर पाकिस्तान को जोड़िएगा? इसके जवाब में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, “जब भी दुनिया में लड़ाई होती थी तो हमेशा कमजोर, बड़े और ताकतवर को कहता था कि यह हमें सता रहा है। पहली बार पाकिस्तान के असेंबली में इमरान खान ने बोला कि यह (भारत) बालाकोट से भी कुछ खतरनाक करने वाले हैं। पाक के विदेश मंत्री ने खुलेआम बोला कि आर्मी चीफ उनके पास आए और बोले कि अभिनंदन को वापस कर दीजिए नहीं तो सुबह तक भारत अटैक कर देगा।”

मोहन भागवत के बयान पर संजय राउत ने कहा कि, “आपका अखंड हिंदुस्तान का जो इरादा है, उसका हम जरूर समर्थन करेंगे। देश के सभी राजनीतिक दल, जो आपके विरोधी भी हैं, वे भी आपका समर्थन करेंगे। अखंड हिंदुस्तान का सपना कौन नहीं देखता है। सावरकर का ये सपना था, बाला साहब ठाकरे का ये सपना था।”