भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा कि मैं उस समय में जनसंघ में शामिल हुआ था जब वो कुछ भी नहीं था। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर मैं आया था।जिस कारण से इंदिरा गांधी भी मुझसे नाराज हो गयी थीं। उन्होंने मुझे आईआईटी से भी हटवा दिया था।

जब स्वामी से पूछा गया कि आपातकाल में साथ रहने वाले सभी नेता अब अलग-अलग क्यों हो गए हैं? भारतीय जनता पार्टी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पार्टी हिंदुत्व से हट जाएगी तो कार्यकर्ताओं को साथ नहीं रख पाएगी। मेरे जैसे लोग कभी फिर उसके साथ नहीं रहेंगे। हम एक हिंदुत्व के सिद्धांत पर आए हैं। एनडीए में आप सबको साथ लेकर चल सकते हैं लेकिन मूल धारा हिंदुत्व की होनी चाहिए।

अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो पार्टी की हालत कांग्रेस वाली हो जाएगी। अगर कार्यकर्ता चले जाएंगे तो हालात वाजपेयी जैसे हो जाएंगे। तंज करते हुए उन्होेंने कहा कि वाजपेयी तो बहुत लोकप्रिय थे आप लोगों के बीच में। लेकिन उनकी हालत क्या हुई सब जानते हैं?

बताते चलें कि हाल के दिनों में स्वामी अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। संसद में मॉनसून सत्र के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह, दिल खोलकर मिलते नजर आए थे। भगवा कोटी पहने स्वामी फोन पर किसी से बातों में मशगूल थे कि तभी वहां दिग्विजय सिंह पहुंच गए। दोनों नेताओं ने काफी देर तक एक दूसरे के साथ चर्चा की। इस दौरान स्वामी, दिग्विजय सिंह किसी बात पर ठहाका लगाते हुए भी दिखाई दिए।

चर्चाओं का सिलसिला उस वक्त भी जारी रहा, जब सुब्रमण्यम स्वामी कार में सवार हो चुके थे। कार में बैठने के बाद दिग्विजय सिंह को वह अपने फोन में कुछ दिखाते हुए नजर आए। राजनीतिक कारणों से भले ही नेताओं के बीच मनमुटाव प्रतीत होता हो लेकिन सदन में यह नेता अक्सर एक दूसरे का सामना, आदर-सत्कार, मुस्कुराहट और हंसी के साथ करते हैं।