Indian Railways: भारतीय रेल ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए एक नया तरीका निकाला है। रेल बोर्ड ने ट्रेनों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निजी कंपनियों को अपने उत्पाद व उपकरणों के प्रचार-प्रसार करने की हरी झंडी दे दी है। रेल बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने इस संबंध में सभी रेलवे जोनों को दिशा-निर्देश दे दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंडल स्तर के अधिकारी रेलवे में सुधार की प्रक्रिया के मद्देनजर इच्छुक कंपनी को उत्पादों और उपकरण के प्रचार की अनुमति दे पाएंगे।
भारतीय रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी कंपनियां चीजों और सेवाओं के प्रचार के लिए कई तरीके अपनाती हैं, जबकि रेलवे के पास कई कंपनियां ट्रेनों में अपने उत्पादों के प्रचार की मंजूरी के लिए आती हैं। चूंकि पहले तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, लिहाजा उन्हें मना कर दिया जाता था। पर अब इन कंपनियों को रेल बोगियों में अपनी चीजों और सुविधाओं का प्रचार करने और यात्रियों को मुफ्त में उनका वितरण करने की अनुमति होगी।
यही नहीं, रेल बोर्ड के इस फैसले से कंपनियों के पास उत्पादों और उपकरणों को यात्रियों को फ्री में बांटने की सुविधा भी रहेगी। दरअसल, रेलवे गैर किराया राजस्व के अंतर्गत आय में इजाफा करना चाहता है, लिहाजा वह विज्ञापन से जुड़े नियमों-नीतियों को पहले के मुकाबले सरल बनाने में जुटा है। बता दें कि वर्ष 2015 में रेलवे में डीपी पाण्डे की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन हुआ था, जिसने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि अगर रेलवे बोगियों में खाली जगह का सही प्रयोग करे तो उसकी वार्षिक आय में तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपए का इजाफा हो सकता है।
हालांकि, यात्रियों को यह सुविधा सिर्फ चलती ट्रेन में मिलेगी, जिसकी गुणवत्ता के मानक मंडल स्तरीय अधिकारी निर्धारित करेंगे। वह इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सफर के दौरान यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। मामले के जानकारों की मानें तो रेल बोर्ड का ये कदम वातानुकूलित बोगियों के यात्रियों को थोड़ा परेशान कर सकता है।