पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंधों की इच्छा जाहिर करते हुए भारत सरकार ने बुधवार को सदन में कहा कि वह पाकिस्तान और चीन को शत्रु राष्ट्र नहीं मानती और उनके साथ दोस्ताना संबंध चाहती है। केंदीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा उठाए गए इस सवाल पर सहमति जतायी कि भारत कब तक पाकिस्तान और चीन को शत्रु मानता रहेगा।
‘‘शत्रु संपत्ति ( संशोधन एवं विधिमान्यकरण ) विधेयक 2010 ’’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान और चीन को शत्रु नहीं मानते। सरकार पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहती है।’’ बाद में सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि राजग सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उन वाक्यों को हमेशा ध्यान में रखकर चलती है कि ‘‘दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन हम पड़ोसी नहीं बदल सकते।’’ गृह मंत्री ने साथ ही सदस्यों से कहा कि हर चीज को जाति , धर्म या पंथ से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार शत्रु संपत्तियों का सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जब किसी देश का साथ युद्ध होता है तो उसे शत्रु माना जाता है और ‘‘शत्रु संपत्ति संशोधन एवं विधिमान्यकरण विधेयक 2010 ’’ को 1962 के भारत चीन युद्ध , 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के संदर्भ में ही देखा जाना चाहिए।