भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रही है। इस आर्थिक मंदी के पीछे विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग वजह बतायी जा रही हैं। अब मशहूर आर्थिक विशेषज्ञ क्रिस्टोफर वुड ने बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था, नरेंद्र मोदी सरकार की ‘शॉक थेरेपी’ से पीड़ित है। वुड ने ये भी बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को इस मंदी से उबरने में 4 तिमाही का वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा कि यदि इससे कम समय में अर्थव्यवस्था उबर जाती है, तो वह इससे आश्चर्यचकित होंगे।

बता दें कि क्रिस्टोफर वुड Jeffries में इक्विटी स्ट्रैटिजी के ग्लोबल हेड हैं। अपने साप्ताहिक नोट GREED & fear में उन्होंने उक्त बातें लिखी हैं। लेख के अनुसार, अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत के आधार में नोटबंदी, जीएसटी लागू करना और रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) या फिर दिवालिया कानून जैसे सुधार शामिल हैं। वुड ने ये भी कहा कि लंबे समय में उक्त कदम सकारात्मक साबित होंगे।

क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, “इसमें कोई शक नहीं है कि इन सुधारों के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को भाजपा सरकार द्वारा कम करके आंका गया।” बता दें कि गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी एक रिपोर्ट में 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ को घटाकर 5% कर दिया है, जबकि पहले आरबीआई ने अपने अनुमान में इसे 6.1% बताया था। मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तमाही में जीडीपी सिर्फ 4.5 प्रतिशत रही, जो कि बीते 6 सालों में सबसे निचले स्तर पर है।

क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, एनबीएफसी और संबंधित हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में फंडिंग की कमी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ा है। क्रिस्टोफर वुड ने बढ़ते राजकोषीय घाटे की तरफ भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया। वुड के अनुसार इसी वजह से सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों जैसे BPCL आदि में विनिवेश करने का फैसला किया है। आर्थिक विशेषज्ञ क्रिस्टोफर वुड को लगता है कि आर्थिक मंदी का असर सबसे ज्यादा मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स पर पड़ा है।