कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर ट्वीट करते हुए एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा है कि जिस खतरे के बारे में मैं कई महीनों से आगाह कर रहा था, उसे अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई ) ने भी मान लिया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि ध्यान भटकाने से नहीं, बल्कि खर्च बढ़ाने और गरीबों के हाथों में पैसे देने से अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी।

राहुल ने अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट ट्वीट कर लिखा “जिस बारे में मैं महीनों से चेतावनी दे रहा था उसकी अब आरबीआई ने पुष्टि की है। सरकार को अब ज्यादा खर्च करने की जरूरत है, कर्ज देने की जरूरत नहीं है। गरीब को पैसा दीजिए, उद्योगपतियों के कर में कटौती नहीं। खपत से अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाइए। मीडिया के माध्यम से ध्यान भटकाने से गरीबों को मदद नहीं मिलेगी न ही आर्थिक आपदा गायब होगी।”

आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में खपत को गंभीर झटका लगा है, गरीब को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, ऐसे में अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने में काफी वक्त लगेगा। इसके अलावा राहुल गांधी ने जो पेपर कटिंग शेयर की है, उसमें ये भी लिखा गया है कि सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स रेट में जो कटौती की है उससे निवेश को बढ़ावा नहीं मिला है, बल्कि कंपनियों ने कर्ज घटाने और कैश बैलेंस करने में इसका इस्तेमाल किया है।

राहुल के इस ट्वीट पर कुछ यूजर्स उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा “आप की अनुमान बिलकुल नेपाल की तरह है। अपने पीएम बनने की भविष्यवाणी कब कर रहे हैं।” एक ने लिखा आप तो ज्योतिषी निकले, कोरोना का टीका कब तक आ जाएगा इसी भविष्यवाणी कर सकते हैं? एक ने लिखा खपत का मतलब समझाएं मैं अगले चुनाव में आपको वोट दूंगा।”

इससे पहले रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि मई और जून माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में जो बढ़त देखी गई थी वह कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिये फिर से लगाये गये लॉकडाउन के कारण अपनी बढ़त खो बैठीं हैं।