अमेरिका में 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्षमा सावंत रंगभेद और नस्लभेद के खिलाफ नया चेहरा बनकर उभर रही हैं। सिएटल में ‘काले लोगों का जीवन मायने रखता है’ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों में वह अग्रणी हैं। ये विरोध प्रदर्शन सिएटल के मुख्य क्षेत्र में हो रहे हैं, जिसे अब ‘कैपिटल हिल स्वशासित क्षेत्र (सीएचएजेड)’ कहा जा रहा है। इस क्षेत्र से स्थायी तौर पर शहर के पुलिस अधिकारियों को बाहर रखने के लिए मोर्चेबंदी की जा रही है।

फॉक्स न्यूज के अनुसार सिएटल सिटी काउंसिल वुमन क्षमा सावंत इस क्षेत्र में पुलिस को बाहर ही रखने के लिए कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रही हैं। मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में काले अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से ही अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई सप्ताह से यहां गतिरोध जारी है।

महाराष्ट्र के पुणे में जन्मी सावंत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह छह ब्लॉक वाले इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रहे, जिसे उन्होंने ‘नो कॉप’ यानी पुलिस वर्जित क्षेत्र घोषित कर रखा है।

क्षमा सावंत ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे आंदोलन को पूर्वी प्रांत की पुलिस को वापस नहीं दिया जाना सुनिश्चित करना चाहिए और यह भी सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि इसे स्थायी तौर पर समुदायिक नियंत्रण वाले क्षेत्र में बदल दिया जाए। मेरा कार्यालय पूर्वी प्रांत को रेस्टोरेटिव जस्टिस (एक ऐसी प्रणाली जिसमें अपराध करने वाले को पीड़ित और समुदाय के साथ बातचीत करके उसमें सुधार लाने के रास्ते तलाशे जाते हैं) का सामुदायिक केंद्र बनाने के लिए विधेयक ला रहा है।’

बीते मंगलवार को उन्होंने एक ऐसे प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसमें पुलिस को ‘डिफंक्ट’ (पुलिस के बजट में कटौती करके उस धन का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, लोगों को आवास मुहैया कराने में किया जाए) करने की बात कही जा रही थी। इसमें सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान प्रदर्शनकारियों को सिटी हॉल में प्रवेश की अनुमति दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मेयर जैनी डर्कन के इस्तीफे की भी मांग की।

वर्ष 1973 में जन्मी क्षमा सावंत मुंबई में पली-बढ़ी। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से 1994 में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। सावंत शादी के बाद अमेरिका आ गईं और बाद में उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग को छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद इन्होंने उत्तरी कैरोलीना स्टेट यूनिर्विसटी से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वह वर्ष 2006 में सोशलिस्ट अल्टरनेट से जुड़ीं और वर्ष 2013 में काउंसिल वुमन बनीं।