India US Deal: भारत और अमेरिका के बीच हुए BECA (Basic Exchangeand Cooperation Agreement) समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। भारत की तरफ से रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव जिवेश नंदन ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्री भी मौजूद रहे। बता दें कि इस समझौते के बाद भारतीय सेना की ताकत में खासा इजाफा हो जाएगा। चीन के साथ जारी तनाव के बीच यह समझौता बेहद अहम है।
जानिए क्या है BECA: बता दें कि BECA से मतलब Basic Exchange and Cooperation Agreement है। इस पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत को अमेरिका की उच्च तकनीक का फायदा मिलेगा और जमीन पर भू-स्थानिक जानकारी मिलेगी। इसका मतलब ये है कि अमेरिका भारतीय सेना को किसी जगह के भूगोल के बारे में जानकारी शेयर करेगा। जिससे युद्ध और किसी आपदा के समय में काफी फायदा मिलेगा। इससे किसी हमले या बचाव कार्य के दौरान एक्यूरेसी को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दोनों देश भौगोलिक नक्शे और सैटेलाइट इमेज का भी आदान प्रदान करेंगे। एयरफोर्स को इस समझौते से काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।
इससे पहले भारत और अमेरिका के बीच हुई 2+2 मीटिंग दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद रहे। इस मीटिंग से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने भी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर के साथ मुलाकात की। तीनों के बीच काफी देर तक साउथ ब्लॉक में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
Highlights
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत और अमेरिका की दोस्ती ना सिर्फ एशिया बल्कि दुनिया के लिए काफी अहम है। अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले कि चीन की ओर से दुनिया के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में बड़े देशों को साथ आना होगा। मार्क एस्पर के मुताबिक, भारत-जापान और अमेरिका साथ में कई सैन्य ऑपरेशंस करेंगे, मालाबार एक्ससाइज़ भी की जाएगी। इसके अलावा दोनों देश डिफेंस इन्फॉर्मेशन शेयरिंग में नए मुकाम पर आगे बढ़ रहे हैं।
माइक पोंपियो के दौरे के दौरान जिन 5 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं उनकी लिस्ट इस प्रकार है।
1. Basic Exchange and Cooperation Agreement (BECA)
2. MoU for technical cooperation on earth sciences
3. Arrangement extending the arrangement on nuclear cooperation
4. Agreement on postal services
5. Agreement on cooperation in Ayurveda and Cancer research
इस पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत को अमेरिका की उच्च तकनीक का फायदा मिलेगा और जमीन पर भू-स्थानिक जानकारी मिलेगी। इसका मतलब ये है कि अमेरिका भारतीय सेना को किसी जगह के भूगोल के बारे में जानकारी शेयर करेगा।
टू प्लस टू वार्ता में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण 'बेका' समझौता हुआ है। जिससे चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस समझौते से अमेरिकी सैटेलाइटों द्वारा जुटाई गई जानकारियां भारत के साथ साझा की जा सकेंगी। इसके साथ ही अमेरिका के संवेदनशील संचार डाटा तक भारत की पहुंच होगी। इससे भारतीय मिसाइलों की क्षमता सटीक और बेहद कारगर होगी। ये समझौता दोनों देशों को सशस्त्र बलों के बीच विस्तारित भू-स्थानिक जानकारी साझा करने की अनुमति देगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने BECA समझौता होने के बाद कहा कि हम भारत के साथ खड़े हैं यह डील उसकी संप्रभुत्ता की रक्षा करने में सहायक होगी। हम सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने संबंधों को और मजबूत कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गयी है।
‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। अमेरिका के साथ बीईसीए समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है।
बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि बीते दो दशकों में हमारे द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं। जब बात क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौती की आती है तो हम मिलकर बड़ा अंतर ला सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है और हमें काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में हम औद्योगिक सर्विस सेक्टर को रिवाइव करने का प्रयास कर रहे हैं। मौजूदा चुनौतियों के चलते हमारी साझेदारी और भी अहम हो गई है। हम दोनों देश नियमों के आधार पर और लोकतांत्रिक तरीके से चलने वाले देश हैं।
भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा सौदे के तहत दोनों देश LEMOA (Logistics Exchange Memorandum of Agreement) पर हस्ताक्षर साल 2016 में ही कर चुके हैं। उस समय भी दोनों देशों के बीच 2+2 मीटिंग हुई थी। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे के मिलिट्री बेस, बंदरगाह को इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल्ली में 2+2 मीटिंग से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर राजधानी स्थित वॉर मेमोरियल भी गए और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने 2+2 मीटिंग के दौरान कहा कि आज दो महान लोकतांत्रिक देशों के पास और नजदीक आने का बेहतरीन मौका है। हमने माहमारी के दौर में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर, चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के बढ़ती सुरक्षा धमकियों और क्षेत्र में शांति और सद्भाव के मुद्दे पर बात की।
बता दें कि यह भारत और अमेरिका के बीच 2+2 की तीसरी मीटिंग है। इससे पहले दो मीटिंग्स में भारत और अमेरिका के बीच दो अहम रक्षा समझौतों LEMOA और COMCASA पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। अब आज होने वाली तीसरी बैठक में BECA समझौते पर हस्तारक्षर होंगे।
भारत और अमेरिका के बीच आज अहम रक्षा करार पर हस्ताक्षर होंगे। इस करार के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भारत को दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच मंगलवार को 2+2 मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्ष क्रमशः मार्क एस्पर और माइक पोम्पियो के साथ मीटिंग करेंगे।
भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने एक ट्वीट कर कहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ उनकी मीटिंग काफी अच्छी रही, जिसमें द्विपक्षीय, धार्मिक और वैश्विक मुद्दों पर बात हुई। दोनों देशों के संबंधों में प्रगाढ़ता आयी है। हमारी विदेश नीति और सहयोग का विस्तार हुआ है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि अमेरिकी मंत्री की यात्रा के दौरान बीईसीए समझौते (बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौता) पर हस्ताक्षर होंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ अलग से बात की और पारस्परिक हित के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। एस्पर और पोम्पिओ तीसरी मंत्रिस्तरीय ‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। वार्ता मंगलवार को होगी। ‘टू प्लस टू’ वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व जयशंकर और सिंह करेंगे। एस्पर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की अपनी बातचीत के बाद सिंह ने ट्वीट किया कि वार्ता से भारत-अमेरिका के संबंधों में एक नया जोश आएगा।
भारत और अमेरिका मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भू-स्थानिक नक्शे साझा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर के साथ व्यापक मुद्दों पर हुई चर्चा के बाद अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बातचीत के दौरान सिंह और एस्पर ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को और विस्तारित करने तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की एवं भारत के पड़ोस सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी भारत के विवाद पर भी संक्षिप्त चर्चा की।
अमेरिका के रक्षा विभाग ने जारी एक बयान में कहा है कि रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और अमेरिका के मजबूत होते संबंधों की सराहना की और दोनों देशों ने अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष मार्क एस्पर के साथ बातचीत में एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों में संपर्क अधिकारियों की तैनाती को विस्तारित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री ने आगामी मालाबार नौसैन्य अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी का स्वागत किया। सिंह ने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में हालिया सुधारों को भी रेखांकित किया और अमेरिकी कंपनियों को देश की उदार नीतियों तथा रक्षा उद्योग के बेहतर माहौल का इष्टतम इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित किया।
राजनाथ सिंह ने ट्वीट में कहा, ‘‘भारत को अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ. मार्क एस्पर की मेजबानी करने की खुशी है। आज हमारी बातचीत सार्थक रही, जो व्यापक क्षेत्रों में रक्षा सहयोग को और गहरा करने पर केंद्रित थी।’’ रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सिंह और एस्पर ने सेना से सेना के बीच सहयोग, सुरक्षित संचार प्रणाली और सूचना साझा करने तथा रक्षा व्यापार सहित समूचे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मंत्रियों ने संबंधित सशस्त्र बलों के बीच करीबी चर्चाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सहयोग के संभावित नए क्षेत्रों पर चर्चा की, सेवा से सेवा के स्तर पर तथा संयुक्त स्तर पर।’’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने महामारी के दौरान भी मौजूदा रक्षा वार्ता तंत्र को सभी स्तरों, खासकर सैन्य सहयोग समूह के स्तर पर जारी रखने का आह्वान किया।