भारत ने तीनों सेनाओं के संयुक्त सैन्य स्टेशन बनाने का फैसला किया है। यह देशभर में अपनी तरह का पहला ऐसा स्टेशन होगा। सशस्त्र बलों में अधिक एकजुटता और एकीकरण लाने के लिए भारत के शीर्ष सैन्य पदानुक्रम ने बुधवार को तीन संयुक्त सैन्य स्टेशन बनाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही तीनों रक्षा सेवाओं की शिक्षा शाखाओं को एक त्रि-सेवा शिक्षा कोर में विलय करने पर भी सहमति व्यक्त की गयी है।
कोलकाता में आयोजित तीन दिवसीय संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के अंतिम दिन घोषित ये निर्णय इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने पर चल रही चर्चाओं के बीच लिए गए हैं। हालांकि,तीनों संयुक्त सैन्य स्टेशनों के स्थान अभी तक ज्ञात नहीं हैं लेकिन सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, ग्वालियर, पुणे और सिकंदराबाद सहित कुछ स्थानों पर चर्चा चल रही है। ये सभी स्थान तीनों सेनाओं में से किसी एक के अधीन काम करने वाले थे।
तीनों सेनाओं की इन सेवाओं का होगा विलय
एक संयुक्त सैन्य स्टेशन का प्रभावी अर्थ यह होगा कि थलसेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना की सभी सुविधाएं बुनियादी ढाँचा, मरम्मत और रखरखाव के साथ-साथ भंडार और आपूर्ति सहित संयुक्त हो जाएंगी ताकि उनका अनुकूलन किया जा सके और उन्हें एक साझा नेतृत्व वाली सेवा के अंतर्गत लाया जा सके।
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इस प्रकार, तीन संयुक्त सैन्य स्टेशन बनाने का निर्णय तीनों सेनाओं के बीच बेहतर एकीकरण लाने में कारगर होगा और मैनपावर, बुनियादी ढांचे और संपत्तियों के अनुकूलन में भी मदद करेगा। इसी प्रकार, त्रि-सेवा शिक्षा कोर के गठन का निर्णय भी एकजुटता बढ़ाने के उद्देश्य से है। साथ ही जनशक्ति, बुनियादी ढाँचे और प्रशासन का अनुकूलन और तीनों सेनाओं के कर्मियों का बेहतर एकीकरण सुनिश्चित करना है।
तीनों सेनाओं के बीच बेहतर एकीकरण के लिए लिया फैसला
ये नवीनतम निर्णय उन कई कदमों में से हैं जो तीनों सेनाओं के बीच बेहतर एकीकरण के लिए पिछले कुछ वर्षों में उठाए गए हैं। सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए अन्य कदम उठा रही हैं। इनमें आपस में क्रॉस-पोस्टिंग, संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड्स का निर्माण, और अपनी आवश्यकताओं की संयुक्त योजना और एकीकरण के माध्यम से खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में एकजुटता सुनिश्चित करना शामिल है।
भारतीय सेना द्वारा थिएटराइज़ेशन सुधार को लागू करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने के बाद से ही सेवाओं के इंटीग्रेशन के व्यापक प्रयास शुरू हो गए हैं। थिएटराइज़ेशन का उद्देश्य थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना और उनके संसाधनों को एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में एकल, एकीकृत कमान संरचना के तहत परिचालन तैनाती के लिए विशिष्ट थिएटर कमानों में एकीकृत करना है। हालांकि, सभी सेवाएं अभी तक इस पर सहमत नहीं हुई हैं जबकि सभी संयुक्तता और एकीकरण बढ़ाने के पक्ष में रही हैं।
एक सरकारी बयान के अनुसार, संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन का तीसरा दिन तेज़ी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में उभरते खतरों और भविष्य की चुनौतियों को समझने पर केंद्रित था। बयान में कहा गया, “सीडीएस के एक गहन सत्र में सुधारों के वर्ष पर विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप तैयार की गई कार्ययोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।” बयान में कहा गया है कि चर्चाओं में संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ाने, अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा देने, निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और अंतरिक्ष, साइबर, सूचना एवं विशेष अभियानों के क्षेत्रों के लिए संस्थागत ढाँचों में सुधार पर ज़ोर दिया गया।
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