विदेश मंंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से बातचीत में काबुल में फिर से भारतीय दूतावास खोलने की बात कही।
तालिबान के विदेश मंत्री के साथ बातचीत में एस जयशंंकर ने कहा, “आपकी यह यात्रा भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। भारत, अफगान लोगों का शुभचिंतक होने के नाते, आपके विकास में गहरी रुचि रखता है। आज मैं यह दोहराना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में चल रहे भारत के कई प्रोजेक्ट्स के जरिए हमारी पुरानी साझेदारी फिर से मजबूत हो रही है।”
जयशंकर ने आगे कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सुरक्षा चिंताओं को समझने के लिए हम आपके आभारी हैं। भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अफगानिस्तान के लोगों की स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
आगरा – देवबंद जाएंगे अमीर खान मुत्तकी
तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा पर हैं। वह आने वाले दिनों में आगरा और देवबंंद भी जाएंगे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वह भारत में रह रहे अफगानिस्तान के लोगों से भी मिलेंगे। यह पहली बार है, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए हैं। यह भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण घटना है, जब तालिबान पर अपनी स्थिति स्पष्ट की जा रही है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को मुत्तकी से फोन पर बातचीत की थी। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह भारत और अफगानिस्तान के बीच शीर्ष स्तर का संपर्क था। भारत ने अब तक तालिबान के शासन को मान्यता नहीं दी है और वह काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत करता रहा है।
भारत इस बात पर भी जोर देता रहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तालिबान शासन ने जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और मुत्तकी के बीच बातचीत के बाद भारत को एक ‘‘अहम’’ क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति बताया था। (भाषा इनपुट के साथ)
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