केंद्र सरकार ने शनिवार को भारतीय नौसेना को उन्नत लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल करने की घोषणा की। फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी, डसॉल्ट एविएशन के अनुसार भारतीय नौसेना में 26 राफेल लड़ाकू विमान शामिल हो जाएंगे। पहले से ही 36 उन्नत लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना में सेवा में हैं।

डसॉल्ट एविएशन ने कहा कि यह फैसला भारत में आयोजित एक सफल परीक्षण अभियान के बाद आया है। इस दौरान राफेल के प्रदर्शन में सामने आया कि यह भारतीय नौसेना की सभी जरूरतों के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। रक्षा मंत्रालय की अध्यक्षता में आने वाली भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल समुद्री विमानों की खरीद के लिए स्वीकृति (AoN) प्रदान की। मंत्रालय ने कहा कि यह चयन राफेल की उत्कृष्टता, डसॉल्ट एविएशन और भारतीय बलों के बीच लिंक और भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक संबंधों के महत्व को दर्शाता है।

फ्रांस सरकार के साथ कीमत और अन्य शर्तों पर जल्द होगी बातचीत

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि फ्रांसीसी सरकार से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर, दस्तावेज़ीकरण, चालक दल प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक के साथ राफेल समुद्री विमान समझौते को मंजूरी दे दी गई है। इसमें कहा गया है कि अन्य देशों द्वारा समान विमान की तुलनात्मक खरीद कीमत सहित सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखने के बाद फ्रांस सरकार के साथ कीमत और खरीद की अन्य शर्तों पर बातचीत की जाएगी।

भारत और फ्रांस के बीच समझौता

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ शुक्रवार को बातचीत के बाद कहा कि भारत और फ्रांस, मित्र देशों को निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर गए पीएम मोदी ने मैक्रों के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले 25 साल में भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए साहसिक और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ एक खाका तैयार किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को फ्रांस से 26 राफेल जेट खरीदने और तीन फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारे घनिष्ठ संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है। यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। फ्रांस ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।