इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) की तीसरी ‘प्राइवेट ट्रेन’ इंदौर और वाराणासी के बीच चलेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में ‘हमसफर एक्सप्रेस’ में इस्तेमाल किए गए रेक लगाए जाएंगे। आईआरसीटीसी इससे पहले दिल्ली-लखनऊ और अहमदाबाद-मुंबई पर निजी ट्रेनों का संचालन शुरू कर चुकी है।

आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलेगी। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन लखनऊ और इलाहाबाद से होते हुए गुजरेगी। आईआरसीटीसी द्वारा चलाई जाने वाली एकमात्र ऐसी ट्रेन होगी जिसमें स्लीपर कोच होंगे, न कि चेयर कार। इसका संचालन 20 फरवरी से शुरू होगा।

सरकार ने एलान किया है कि पीपीपी मॉडल के आधार पर देश के अलग-अलग राज्यों में 150 ट्रेनें चलेंगी। इसके साथ ही निजी क्षेत्र की मदद से 4 स्टेशनों का रीडेवलपमेंट होगा। इसके साथ ही पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा। आईआरसीटीसी ऐसे रूट्स पर तेजस जैसी ट्रेनों को संचालन करेगी। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश केंद्रीय बजट 2020-21 में रेलवे को 70,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता आवंटित की गयी है और वर्ष के दौरान रेलवे के लिए कुल 1.61 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है।

रेलवे के पूंजीगत खर्च का प्रावधान चालू वित्त वर्ष की तुलना में मात्र तीन फीसदी अधिक है। सरकार का कहना है कि वे रेलवे के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। बजट में रेल पटरियों के किनारे स्थित रेलवे की खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और चार स्टेशन को पुन:विकसित करने एवं 150 ट्रेनों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर चलाने का प्रस्ताव किया गया है।

वित्तमंत्री ने 18,600 करोड़ रुपये की लागत से 148 किलोमीटर लंबे बेंगलुरु उपनगरीय परिवहन परियोजना का प्रस्ताव किया जो मेट्रो मॉडल पर विकसित किया जाएगा। परियोजना के लिए केंद्र सरकार 20 प्रतिशत राशि देगा और 60 फीसदी तक की बाहरी सहायता की सुविधा देगा।