Indira Hoardings Congress Headquarters Delhi: भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर जारी है। कोई इसे पीएम मोदी की कमजोरी बता रहा है तो कोई इसे भारत की एक सोची समझी रणनीति बता रहा है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस बात का आकलन कर रहे हैं कि इंदिरा गांधी कहीं ज्यादा पीएम मोदी से मजबूत और निडर थीं। कांग्रेस भी इसको लेकर 1971 का उदाहरण पेश कर रही है।
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से इंदिरा गांधी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की तस्वीर साझा की गई है। इस तस्वीर के साथ कांग्रेस ने लिखा है, ‘इंदिरा गांधी ने निक्सन से कहा था- हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी है। हमारे पास इच्छाशक्ति और संसाधन हैं कि हम हर अत्याचार का सामना कर सकते हैं। वो वक्त चला गया जब कोई देश तीन-चार हज़ार मील दूर बैठकर ये आदेश दे कि भारतीय उसकी मर्ज़ी के हिसाब से चलें।’
कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, ‘ये थी हिम्मत। यही था भारत के लिए डटकर खड़ा होना और देश की गरिमा के साथ कोई समझौता ना करना।’
वहीं, अब इसी बीच दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय के बाहर एक होर्डिंग को लगाया गया है। जिस पर लिखा है, ‘इंदिरा होना आसान नहीं’ और ‘भारत को इंदिरा की याद आती है’। इस होर्डिंग में इंदिरा गांधी की फोटो के साथ दो कांग्रेस नेताओं की भी फोटो लगी है। कांग्रेस नेताओं के नाम अक्षय लाकड़ा और उदय भानू है। होर्डिंग में इंदिरा गांधी की कई फोटो को जगह दी गई है।
होर्डिंग में लिखा, ‘इंदिरा गांधी होना आसान नहीं।’ नीचे अंग्रेजी में लिखा है- India Misses Indira।
बता दें, 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था जिसमें एक कश्मीरी पोर्टर समेत 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया था जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार करते हुए घटना की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की थी और इसमें सहयोग करने की पेशकश की थी।
23 अप्रैल को भारत ने सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट मीटिंग में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध सीमित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने जैसे कड़े फ़ैसले लिए।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने का एलान किया। बाद में दोनों देशों ने अपने वायु क्षेत्र एक-दूसरे के विमानों के लिए बंद कर दिए थे।
इसके बाद भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हमले किए थे। पाकिस्तान ने इस हमले में कई लोगों की मौत के साथ बड़े नुक़सान की बात मानी थी।
सात मई के बाद से ही पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से सटे नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी बढ़ा दी और भारत ने कहा कि इस गोलाबारी में उसके 16 नागरिक मारे गए जबकि कई लोग घायल हो गए।
आठ मई की रात सीमाई इलाक़ों में भारी गोलाबारी के बीच लोगों की रात गुजरी। पाकिस्तान से सटे भारत के सीमावर्ती इलाक़ों में रात को सायरन गूंजे और व्यापक पैमाने पर ब्लैकआउट रहा।
नौ मई को भारत के विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ़िंग में कर्नल सोफ़िया कुरैशी ने बताया कि आठ मई की रात भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे को पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन्स के ज़रिए निशाना बनाया। इस दौरान स्थानीय मीडिया में मिसाइलों से हमले की ख़बरें आईं.
कर्नल सोफ़िया ने कहा कि आठ मई की रात पाकिस्तान ने 36 स्थानों पर ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की थी। हालांकि बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों के कुछ देर बाद ही बीबीसी से बात करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इन हमलों से इनकार किया था।
नौ मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव अपने चरम पर पहुंच गया और दोनों देशों ने एक दूसरे पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले के आरोप लगाए।
10 मई को भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से प्रेस ब्रीफ़िंग में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य हवाई अड्डों पर हाई स्पीड मिसाइल से हमला बोला था। उधर पाकिस्तान ने अपने सैन्य हवाई अड्डों पर भारत की ओर से हवाई हमले के आरोप लगाए।
दोनों देशों के बीच बढ़ते टकराव के हाथ से निकल जाने के आसन्न ख़तरे के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी तेज़ हुए।
एक समय ऐसा लग रहा था कि हालात और बिगड़ने जा रहे हैं लेकिन इसी बीच शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम क़रीब 5.30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक सोशल मीडिया पोस्ट आया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर की जानकारी दी गई थी।
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इसके तुरंत बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक़ डार और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस ख़बर की पुष्टि की गई। हालांकि, भारतीय सेना ने सीज़फ़ायर की घोषणा के साथ ही कहा, “सेना सीज़फ़ायर को लेकर बनी सहमति का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता बनाए रखने के लिए सेना ‘सतर्क’ रहेगी।”
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “आतंकवाद के सभी रूपों के ख़िलाफ़ भारत ने लगातार कठोर और न झुकने वाला रुख़ अपनाया है. वो ऐसा करना जारी रखेगा।”
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि शनिवार शाम पांच बजे से दोनों देश सैन्य कार्रवाई और फ़ायरिंग को बंद करने पर सहमत हुए हैं और दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशंस 12 मई को 12 बजे फिर से बात करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘दोनों देश पूर्ण और तत्काल सीज़फ़ायर के साथ किसी निष्पक्ष जगह व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर रज़ामंद हो गए हैं।
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