देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को 21 जनवरी शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया जाएगा। इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दलों ने विरोध किया है। बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी ने आपत्ति जताते हुए इसे भारतीय इतिहास को मिटाने की कोशिश वाला कदम बताया।

मनीष तिवारी ने क्या कहा: तिवारी ने कहा, “भारत के लोगों के अंतरात्मा और उनकी मानसिकता में अमर जवान ज्योति की अपनी एक विशेष स्थान है इसलिए अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाकर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्योति में मिलाए जा रहा है ये राष्ट्रीय त्रासदी और इतिहास को मिटाने की कोशिश है।”

राहुल गांधी क्या बोले: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।”

यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर लिखा, “जब लाल किले को किराए पर दिया, तर्क था – रखरखाव नही कर सकते आज जब अमर जवान ज्योति बुझा रहे है, तो तर्क है – दो जगह रख रखाव मुश्किल है। प्रधानमंत्री जी, फिर कुर्सी पर बैठे ही क्यों हो?”

अन्य की राय: इसके अलावा सैन्य सेवा से जुड़े लोगों ने भी अपनी राय व्यक्त की है। रिपब्लिक डे के मौके पर होने वाले आयोजन में कमेंट्री करने वाले ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इंडिया गेट, अंग्रेजों द्वारा निर्मित युद्ध स्मारक। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक 1947 से आज तक देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में बनाया गया है।

वहीं लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आज 50 साल बाद अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्योति में मिलाया जा रहा है। ये बहुत ही अच्छा फैसला है क्योंकि अमर जवान ज्योति (इंडिया गेट) पर ब्रिटिश भारतीय सैनिकों का नाम है वो हमारे पूर्वज थे।

1971 युद्ध के दिग्गज और पूर्व थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव (सेवानिवृत्त) ने इस मामले में पर कहा, “मैं इसे सही समझता हूं। अब हमारे पास वॉर मेमोरियल बन गया है अब उचित होगा कि वॉर मेमोरियल के अदंर ही अमर जवान ज्योति को मिला दिया जाएं। अब हमारा एक ही नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए।”

वहीं अमर जवान ज्योति की लौ के बुझने की खबर पर ANI न्यूज एजेंसी ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह लौ बुझ नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिला दिया जा रहा है। ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है।

ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि 1971 के पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों में सभी जान गंवाने वाले भारतीय जवानों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं। इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ है। ये विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं।

नेशनल वॉर मेमोरियल: 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। इस स्मारक पर 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया है।