भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी सीमा विवाद (India China Border Dispute) गहराता जा रहा है। कई दौर की बातचीत के बाद भी तनाव में कमी नहीं आ पायी है। यही वजह है कि स्थिति को देखते हुए भारत ने सेना (Indian Army) और आईटीबीपी (ITBP) के और अधिक जवानों को लद्दाख में एलएसी (LAC) की तरफ रवाना किया है, जहां पहले से ही भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। सूत्रों के अनुसार, चीन की सेना की बराबरी करने के लिए सैनिकों की संख्या बढ़ायी जा रही है।
बता दें कि ऐसी सूचनाएं हैं कि चीन की तरफ से करीब एक ब्रिगेड सीमा पर तैनात की गई है। इसके अलावा सैन्य साजो-सामान भी बड़ी संख्या में तैनात किया जा रहा है। शुरुआत में भारत की तरफ से रिजर्व सैनिकों को लद्दाख सीमा पर भेजा गया था लेकिन अब सैनिकों को जम्मू कश्मीर से लद्दाख भेजा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सुरक्षाबलों के जो जवान जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने के बाद वहां कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए थे, सिर्फ उन्हें ही उनकी मूल यूनिट में वापस बुलाया गया है। चीन से लगती 3488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा की निगरानी सेना और आईटीबीपी संयुक्त रुप से करती हैं। चीन सीमा के संवेदनशील स्थानों पर सेना की तैनाती है और बाकी जगह आईटीबीपी निगरानी करती है।
भारतीय सेना द्वारा सीमा पर सड़क निर्माण किया जा रहा है। जिसका चीनी सेना द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी मुद्दे पर 5 मई की रात को भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख में पैगोंग झील के फिंगर 5 इलाके में झड़प हो गई थी। उसके बाद 9 मई को सिक्किम में भी भारत-चीन सेना पर दोनों सेनाओं के जवानों के बीच झड़प की खबर आयी थी।
इसके बाद चीन की तरफ से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी गई है। जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है। तनाव के बीच सैनिक और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत से शांति की कोशिशें हो रही हैं। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक विवाद का कोई हल नहीं निकल सका है।