प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। कोरोना वायरस महामारी पर मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक के दूसरे दिन अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा कोशिश की है कि मतभेद विवाद न बनें। इसके बाद प्रधानमंत्री और बैठक में शामिल लोगों ने शहीद सैन्यकर्मियों के सम्मान में कुछ मिनट का मौन रखा। उन्होंने कहा कि हमने कोशिश की कि मतभेद विवादों के आड़े ना आएं।
इस घटनाक्रम पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा है, लद्दाख की गालवान घाटी में मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। देश हमारे अमर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनकी बहादुरी उनकी भूमि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
वहीं, चीन की तरफ से इस हरकत को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आएं और मौजूदा स्थिति के बारे में सच एवं तथ्यों के आधार पर देश को भरोसे में लें।उन्होंने यह सवाल भी किया कि चीन ने कितने हिस्से पर कब्जा किया है और हमारे जवानों की शहादत क्यों हुई? सोनिया ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘हमारे 20 जवानों की शहादत ने देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सभी बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। साथ ही प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवारों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।’’