देश इस साल अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस बीच केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान कुकी या मैतेई समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। साथ ही एजेंसीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन और तिरंगा फहराने के दौरान कुछ सरकार विरोधी तत्वों द्वारा झंडे/तख्तियां दिखाने और नारे लगाने की संभावना भी जताई है।

इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली में खुफिया एजेंसियों द्वारा विशेष सुरक्षा समूह (SPG), CISF, दिल्ली पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के साथ स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा तैयारियों को साझा करने के लिए आयोजित एक बैठक में संभावित खतरों पर चर्चा की गई।

अधिकारी बोले देश की इमेज पर पड़ेगा बुरा असर

एक अधिकारी ने कहा, बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इस साल स्वतंत्रता दिवस सितंबर में दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से एक महीने से भी कम समय पहले पड़ रहा है, ऐसे में समारोह से पहले या उसके दौरान किसी भी प्रतिकूल घटना का देश की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने यह भी बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा अपने मुद्दों को सुर्खियों में लाने के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं से पहले या उसके दौरान भी विरोध प्रदर्शन का सहारा लेने की एक प्रथा है।

एक अधिकारी ने कहा कि मणिपुर की स्थिति, किसानों की मांग, समान नागरिक संहिता, श्रम/सेवाओं से संबंधित मुद्दों के अलावा इस साल स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के लिए सुरक्षा पर कुछ मुद्दों में से थे। एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को खतरे की जानकारी देते हुए उन्हें विरोध प्रदर्शनों पर अपडेट हासिल करने के लिए कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि उन्हें भीड़ और आंदोलन पर नज़र रखने के लिए पड़ोसी राज्यों के पुलिस विभागों के साथ भी समन्वय करना चाहिए।

ये होंगे आयोजन के मुख्य अथिति

15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुनने के लिए स्पेशल गेस्ट के रूप में आमंत्रित लगभग 1,800 लोगों में 50 नर्सें, अपने परिवारों के साथ शामिल हैं। यह जीवन के सभी क्षेत्रों से लोगों को आमंत्रित करने की सरकार की पहल का एक हिस्सा है।